एक आंख गंवाने के बाद भी इस खिलाड़ी ने जड़ा था दोहरा शतक

भारतीय क्रिकेट इतिहास के सफल कप्‍तानों में से एक, मंसूर अली खान पटौदी  को क्रिकेट विरासत में मिला था। उनके पिता इफ्तिखार अली खान ने भारत के अलावा इंग्‍लैंड के लिए भी क्रिकेट खेला। उस समय की टीम कई गुटों में बंटी हुई थी लेकिन पटौदी ने इसे एक इकाई में बदला और 40 मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्‍व किया।एक आंख गंवाने के बाद भी इस खिलाड़ी ने जड़ा था दोहरा शतक

 मंसूर ने टीम को 9 मैचों जीत दिलाई और वो टेस्ट में जीत दिलाने वाले पहले कप्तान बने। टाइगर के नेतृत्‍व में ही भारतीय टीम ने वर्ष 1967 में न्‍यूजीलैंड टीम को उसके घर में हराया था। मंसूर अली खान के जीवन और क्रिकेट से जुड़ी खास बातें:
 5 जनवरी 1941 को भोपाल में जन्‍मे मंसूर अली खान को ‘टाइगर’ नाम से पुकारा जाता था। उन्होंने अपनी आत्‍मकथा में ‘टाइगर्स टेल’ बताया कि यह नाम उन्‍हें बचपन में ही मिल गया था। क्रिकेट खेलना शुरू करने से पहले ही उन्हें टाइगर का नाम मिल गया था।
 मंसूर अली खान हरियाणा की पटौदी रियासत के चौथे नवाब थे। भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खां की बेटी साजिदा सुल्तान, उनकी मां थी। प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ और देहरादून में हासिल करने के बाद वे उच्‍च शिक्षा के लिए इंग्‍लैंड गए।
 अगस्‍त 1957 में 19 वर्ष की उम्र में इंग्लिश काउंटी टीम ससेक्‍स की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्‍यू किया। उनके पिता भी इसी काउंटी टीम के लिए खेलते थे। क्रिकेट के अलावा हॉकी, बिलियर्ड्स और फुटबॉल जैसे खेलों में भी मंसूर अली खान ने अपना हुनर दिखाया था।
 मंसूर अली खान पटौदी का क्रिकेट करियर जब शवाब पर था, उस दौर में बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के साथ उनका इश्‍क मीडिया में सुर्खियां बना। दोनों ने 1969 में शादी कर ली। मंसूर अली खान और शर्मिला टैगोर की तीन संतानें हैं- सैफ अली खान, सोहा अली खान और सना अली खान।
 मंसूर अली खान पटौदी का क्रिकेट करियर उस समय खतरे में पड़ा जब एक कार हादसे में उन्‍हें अपनी एक आंख गंवानी पड़ी। बावजूद इसके उन्होंने टीम इंडिया में वापसी की। पटौदी एक सफल फील्डर भी माने जाते हैं।
 दाएं हाथ के बल्‍लेबाज मंसूर अली खान को महज 21 वर्ष की उम्र में भारतीय टीम का कप्‍तान नियुक्‍त किया गया। वो इतिहास के सबसे कम उम्र के कप्तान बने। 1962 का यह रिकॉर्ड 2004 में टूटा जब 20 वर्षीय ततेंदा तायबु को जिंबाब्वे की कमान सौंपी गई।
 1962 में नवाब पटौदी ‘इंडियन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ रहे। 1968 में वे ‘विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ बने। कप्‍तान के रूप में उन्‍होंने 40 टेस्‍ट खेले। इनमें टीम ने 9 मैच जीते, 19 मैच हारे तथा 12 मैच ड्रॉ समाप्‍त हुए।
 वर्ष 1961 से 1975 के बीच ‘टाइगर’ पटौदी ने टीम इंडिया के लिए 46 टेस्‍ट मैच खेले और  34.91 के औसत से 2793 रन बनाए। इसमें छह शतक और 16 अर्धशतक शामिल रहे। उनका सर्वाधिक स्कोर 203 रन नाबाद रहा, जो 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ बना।

 संन्यास के बाद पटौदी ने क्रिकेट कमेंटटर के रूप में भी काम किया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर भोपाल से 1991 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा। फेफड़ों के संक्रमण के बाद 22 सितंबर 2011 को नई दिल्‍ली में उनका निधन हुआ।

 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com