नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को एचआईवी और एड्स मरीजों को इलाज और शैक्षणिक संस्थानों के दाखिले में बराबरी का अधिकार दिलाने वाला बिल ध्वनि मत से पारित कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एचआईवी और एड्स ,बचाव और रोकथाम बिल 2017 के लोकसभा में पारित होने को ऐतिहासिक बताते हुए कहा सरकार एचआईवी मरीजों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्प है। यह बिल राज्यसभा से 21 मार्च को ही पारित हो चुका है। नड्डा ने बिल को जन केंद्रित बताते हुए कहा कि इससे एचआईवी ग्रस्त लोगों के अधिकार मजबूत हुए हैं। इस बिल में विभिन्न क्षेत्रों की सूची है जिनके आधार पर एचआईवी ग्रस्त लोगों के साथ भेदभाव प्रतिबंधित किया गया है। नड्डा ने कहा कि एचआईवी ग्रस्त लोगों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
इसके प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सिविल और आपराधिक मामले चलाए जाएंगे। नड्डा ने बताया कि एचआईवी वाइरस से निपटने के लिए सरकार शोध को बढ़ावा देगी और उच्च जोखिम क्षेत्र में आक्रामक रणनीति अपनाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बिल के प्रावधानों के क्रियान्वयन में व्यवधान पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिल में एचआईवी ग्रस्त लोगों के संपत्ति के अधिकार की रक्षा करने का भी प्रावधान किया गया है। यह बिल किसी भी व्यक्ति को एचआईवी ग्रस्त लोगों के खिलाफ जानकारी छापने या नफरत फैलाने से रोकता है।