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एसिड अटैक पीड़ितों के लिए बनाई गई पॉलिसी में मुआवजा और आर्थिक सहायता केवल महिलाओं तक सीमित रखने और पुरुषों को इसका लाभ न देने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी कर अगली सुनवाई तक पॉलिसी में संशोधन कर पुरुषों को भी इसके दायरे में लाने का आदेश दिया है।
तेजाब पीड़ितों के लिए लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने एसिड पीड़ितों के लिए बनाई गई पंजाब और हरियाणा की पॉलिसी को उनके द्वारा सही तरीके पालन न किए जाने पर अवमानना याचिका दाखिल की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि दोनों राज्यों ने तेजाब पीड़ितों के लिए पॉलिसी बना ली है। इस पर हाईकोर्ट ने देखा कि पॉलिसी केवल महिलाओं के लिए है और पुरुष इसमें कवर नहीं होते।
इस पर हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों की सरकारों से जवाब मांगा। हाईकोर्ट ने कहा कि तेजाब का हमला बेहद खतरनाक होता है और यह जलने का दर्द महिला या पुरुष नहीं देखता। ऐसे में चाहे पुरुष हो या महिला वे अपनी आगे की जिंदगी बड़ी मुश्किल से गुजार पाते हैं। हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द इस मामले में जवाब दाखिल करें।
जस्टिस दया चौधरी अवमानना याचिका पर अब पुरुषों को भी पॉलिसी का लाभ देने के मुद्दे को जोड़ चुकी हैं। अगली सुनवाई पर हरियाणा और पंजाब सरकार को इस बारे में विस्तृत जवाब दाखिल करना होगा। यदि पॉलिसी मे पुरुषों को भी जोड़ा जाता है तो उस स्थिति में उन्हें मासिक सहायता के साथ ही मुआवजा और फेयर प्राइस शॉप की अलॉटमेंट में प्राथमिकता मिलेगी।
यह है पॉलिसी में
एसिड अटैक पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च सरकार देगी। उनको एकमुश्त मुआवजा राशि दी जाएगी। आठ हजार रुपये हर महीने आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाएंगे। इसके साथ ही फेयर प्राइस शॉप की अलाटमेंट में पीड़ितों को प्राथमिकता दी जाएगी।