उत्तर प्रदेश के बहराइच में खूंखार भेड़ियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। भेड़िए पहले रात में मासूमों को अपना शिकार बनाते थे, लेकिन अब भेड़ियों ने दिन में भी गांव में आने लगे है। गांव वाले के मुताबिक, लोग रात को पहरा देकर सुबह आराम कर रहे थे। लगभग छह बजे कुछ लोगों ने गांव में भेड़िया को आते देखा और शोर मचाया। लोगों की आवाज सुनकर भेड़िया भाग निकला। वन विभाग भी भेड़ियों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। विभाग ने अब ऑपरेशन भेड़िया के लिए कवायद तेज कर दी है। बहराइच को वन्य जीव आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है।
विशेषज्ञों की टीम भी लगातार कर रही कैंप
बता दें कि आदमखोर भेड़िए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने कवायद तेज कर दी है। बहराइच को वन्य जीव आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है। जिले के प्रभारी मंत्री संजय निषाद लगातार कैंप कर रहे है। वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना भी साथ में मौजूद है। उत्तराखंड के शार्प शूटर भी भेड़िया प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। विशेषज्ञों की टीम भी भेड़िए को पकड़ने के लिए लगातार कैंप कर रही है। साथ ही पुलिस और प्रशासन की टीम भी लगातार रात को जाग कर पहरा दे रही है। विशेषज्ञों की टीम ने आतंक का पर्याय बने भेड़ियों के पकड़ में ना आने पर गोली मारने की तैयारी की है।
प्रभावित परिवारों को दी जाएगी अनुग्रह राशि
जानकारी के मुताबिक, रविवार रात अंजली को निवाला बनाने के बाद से भेड़िया लगातार गांव में दस्तक दे रहा है। सोमवार रात तीन बार भेड़िया गांव में पहुंचा था। मंगलवार को दिन में भी पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि भेड़िया के मुंह में मानव खून लग गया है। उसी कारण वह लगातार गांव में पहुंच रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार दोपहर एक बजे हिंदूपुरवा गांव में बांधे के किनारे बसे सखावत के घर भी भेड़िया पहुंचा। सभी पुरुष बाहर थे। घर में सिर्फ महिलाएं थीं। आंगन में भेड़िया को देख महिलाएं चीख पड़ीं। सखावत के पड़ोसी नन्हें ने बताया कि शोर सुनकर जब वे दौड़े तो भेड़िया भागा। वहीं, भेड़िए के इन हमलों से प्रभावित हुए परिवारों को अनुग्रह राशि दी जाएगी। विभाग की टीम रणनीति के तहत लगातार भेड़ियों को पकड़ने में लगी हुई है।
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