भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई 9.70 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के बाद देश का खजाना ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, 12 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में देश के खजाने में लगभग 82 हजार करोड़ की वृद्धि हुई जिससे विदेशी मुद्रा भंडार अबतक के उच्चतम स्तर 666.85 अरब डॉलर हो गया है। इस तरह करीब 20 सप्ताह के बाद देश के खजाने में करीब 10 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है।
RBI के आंकड़ों के मुताबिक, 12 जुलाई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 8.36 अरब डॉलर बढ़कर 585.47 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
गोल्ड रिजर्व में भी बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक के मुताबिक, इस सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 1.23 अरब डॉलर बढ़कर 58.66 अरब डॉलर रहा। वहीं, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 7.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.11 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा 3.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.61 अरब डॉलर हो गई।
लगातार बढ़ रहा देश का खजाना
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले सात सप्ताह से 650 अरब डॉलर के पार बना हुआ है। 31 मई के बाद से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 15.34 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिल चुका है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि उनके करीब छह साल के कार्यकाल के दौरान सरकार के साथ रिजर्व बैंक के संबंध अच्छे रहे हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार का श्रेय दोनों के बीच बेहतर समन्वय को दिया। केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें 11 दिसंबर, 2018 को शुरूआत में तीन साल की अवधि के लिए आरबीआई का 25वां गवर्नर नियुक्त किया था।
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