कठिनाइयां तो हर किसी के जीवन में आती हैं लेकिन वो लोग अलग ही होते हैं जो इनके बीच जिंदगी जीने का तरीका खोज लेते हैं। जिंदगी लाख मुश्किलें उनकी झोली में डालती है लेकिन ये लोग उनसे लड़कर आगे बढ़ते हैं और जैसी भी जिंदगी मिली है, उसे खुली बाहों से अपनाते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायक कहानी है मिकी जगितयानी की।

मिकी जगतियानी दुबई रिटेल कंपनी लैंडमार्क के मालिक हैं। वह भारत के ही नहीं, दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं। उनकी कुल संपत्ति 32 हजार करोड़ से भी ज्यादा आंकी गई है।
मिकी का जन्म कुवैत में हुआ है लेकिन उनकी शिक्षा भारत में ही हुई है। मिकी के पिता नौकरी की तलाश में कुवैत गए थे जहां उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोली थी। अकाउंट्स की पढ़ाई करने के लिए उनके पिता ने मिकी को कॉलेज भेजा लेकिन कुछ एग्जाम ना देने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
मिकी के पास कोई डिग्री नहीं थी इसलिए कमाई के लिए वह होटलों के कमरे साफ करने लगे और टैक्सियां भी चलाईं। कुछ समय बाद वह वापस कुवैत आ गए और तभी से उनकी कठिनाइयां शुरु हो गईं।
कुवैत आने के कुछ समय बाद ही उनके भाई, मां और पिता की मृत्यु हो गई। 21 साल की उम्र में वह बिलकुल अनाथ हो गए थे। उनके पास कोई डिग्री भी नहीं थी कि वह कोई नौकरी कर सकें। तब उन्होंने अपने पिता की दुकान को दुबारा खोलने की सोची।
शुरुआत में मिकी ने सारा काम खुद ही किया। धीरे-धीरे उनकी दुकान बढ़ने लगी और आज वह दुकान ‘लैंडमार्क ग्रुप’ से पूरी दुनिया में जानी जाती है। आज इनकी कंपनी में 55 हजार लोग काम करते हैं और 20 देशों में इस कंपनी का कारोबार है।