पूर्व जिला वन अधिकारी डीपी गुप्ता के करीब चार साल के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के पौधे जमीन पर न लगाकर महज कागजों पर रोपकर करोड़ों का गबन किया गया। इस मामले में डीपी गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
विवेचना में कई और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। आरोपों के चलते गुप्ता को निलंबित किया गया था। अब विजिलेंस द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद विभाग में खलबली मची हुई है।
पौधरोपण के नाम पर अलीगढ़ के पूर्व डीएफओ डीपी गुप्ता (देवी प्रसाद गुप्ता, मूल निवासी जनपद मिर्जापुर) ने विभाग को करोड़ों रुपयों की चपत लगा दी। यह बात विजिलेंस की तहकीकात में भी सामने आई है। करोड़ों के इस घोटाले में विजिलेंस ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष कागजों पर करोड़ों के पौधे रोपने के मामले में तत्कालीन डीएफओ डीपी गुप्ता की उच्चस्तर पर शिकायत हुई थी। जिसमें जांच के बाद गुप्ता को विभाग ने निलंबित कर दिया था। अब करोड़ों के इस गबन और धोखाधड़ी के मामले में विजिलेंस आगरा के निरीक्षक ने भी थाना सिविल लाइन में मुकदमा कायम कराया है।
इस मुकदमे में कई तथ्यों को उजागर करते हुए यह कहा गया है कि गुप्ता ने वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक के कार्यकाल में कई स्थानों पर हजारों पौधों का रोपण दिखाया गया, लेकिन सत्यापन में उनकी संख्या दहाई का अंक ही पार कर सकी।
मसलन नदरोई चारागाह नामक स्थान पर 11 हेक्टेयर में 17700 पौधों का रोपण दर्शाया गया और जांच में मात्र 1892 पौधे ही जीवित पाए गए। एक अन्य स्थान पर छह हेक्टेयर में पौध रोपण दिखाया गया।
जबकि यहां मात्र दस पौधे ही जीवित अवस्था में मिले। दूसरे मामले में पांच हेक्टेयर में 5500 पौधों का रोपण दिखाया गया, जबकि वहां मात्र 562 पौधे ही जीवित अवस्था में पाए गए। ऐसे कई मामलों का जिक्र विजिलेंस ने एफआईआर में किया है।
गबन के इस मामले में पूर्व डीएफओ डीपी गुप्ता के खिलाफ विजिलेंस आगरा के निरीक्षक ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले की विवेचना भी विजिलेंस आगरा कर रही है।
– जावेद खान, इंस्पेक्टर, सिविल लाइन