हिन्दू धर्म ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभकारक नक्षत्र माना जाता है. मान्यता है कि इस शुभ दिन पर संपत्ति और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था. पुष्य नक्षत्र के दौरान किए जाने वाले कार्यों से जीवन में समृद्धि का आगमन होता है. इस दिन ग्रहों के अनुकूल स्थितियों में भ्रमण कर रहे होने से सारे बिगड़े हुए काम बन जाते हैं. जिस काम में हाथ डालेंगे, जैसे नौकरी, व्यापार , शादी, प्रेम विवाह, पढ़ाई , या फिर जो भी कठिन से कठिन काम शुरू करोगे, उसमें अवश्य , गारंटी के साथ सफलता मिलेगी लेकिन शुरुआत गुरुपुष्य योग में ही करना पड़ेगा.
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7 दिसंबर 2017 को 19 बजकर 53 मिनट पर यह योग समाप्त होगा जो वर्ष में मात्र 2-3 बार ही आता है लेकिन अगर इस योग को सही समय पर इस्तेमाल में लाया जाए तो दिल की हर इच्छा पूरी हो सकती है. हम बात कर रहे हैं 7 दिसंबर को लगने वाले ‘गुरु पुषय नक्षत्र’की जिस दौरान गुरु ग्रह पुष्य नक्षत्र में प्रवेश होता है. इस नक्षत्र में देवगुरु बृहस्पति के आ जाने से यह समय अत्यंत प्रभावशाली बन जाता है. यह योग एक साधक के लिए बेहद शुभ माना जाता है किंतु अन्य लोग भी इससे कई लाभ पा सकते हैं. इस दिन देवगुरु बृहस्पति की आराधना के अलावा महालक्ष्मी की उपासना भी की जाती है. ऐसी मान्यता है कि धन की देवी इस अत्यंत शुभ योग में अपने भक्त पर कृपा बरसाती हैं. इसके अलावा इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार का पूजा कर्म फलदायी ही सिद्ध होता है.गुरू पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है. ये दोनों ही योग बहुत ही शुभ माने जाते हैं.
इस दिन देवगुरु बृहस्पति की आराधना के अलावा महालक्ष्मी की उपासना भी की जाती है. ऐसी मान्यता है कि धन की देवी इस अत्यंत शुभ योग में अपने भक्त पर कृपा बरसाती हैं. इसके अलावा इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार का पूजा कर्म फलदायी ही सिद्ध होता है. गुरू पुष्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है. ये दोनों ही योग बहुत ही शुभ माने जाते हैं.
पुष्य नक्षत्र को एक शाप मिला हुआ है इसलिए इस नक्षत्र में विवाह कार्य नहीं किया जाता है. पुष्य नक्षत्र आमतौर पर शुभ होता है लेकिन शुक्रवार के दिन अथवा बुधवार के दिन यह नक्षत्र हो तब कोई नया काम कभी नहीं करना चाहिए और न खरीदारी करनी चाहिए. गुरूपुष्य, रविपुष्य एवं शनि पुष्य जितना शुभ फलदायी होता है उतना ही बुध और शुक्रवार का पुष्य हानिकारक होता है. आइए जानते हैं किन राशियों को इस मौके का लाभ कैसे उठाना चाहिए…
मेष राशि-इस राशि के जातकों के लिए यह समय दाम्पत्य सुख दिला सकता है. उपाय- एक साबुत हल्दी के सात टुकड़े करके पूरी रात जल में रहने दें.सुबह इस जल को छानकर नहाने के जल में मिलाकर नहाएं. हल्दी के शेष को किसी डिब्बी में भरकर धन स्थान पर रख लें.
वृषभ राशि-गुरु पुष्य योग आपके लिए गुप्त शत्रु खत्म करने का मौका लाया है. उपाय पीपल की छोटी सी लकड़ी में पीला धागा बांधकर किसी भी समय अपने बाजू में बांध लीजिएगा.
मिथुन राशि-धन की चिंता दूर करने का वक्त है. उपाय – घी का दीपक जलाकर “ॐ ह्रीं श्री नम:” का कम से कम एक माला जाप करें.
कर्क राशि-मानसिक चिंता दूर करने का दिन है. उपाय – बरगद के पत्ते को तोड़ेंगे तो दूध निकलेगा, उसे निकालकर ले आएं.अपने माथे के दोनों बगल, कान के ऊपर मल लें.
सिंह राशि-परिवार में विवाद खत्म करने का समय है. उपाय- इस दिन घर पर खीर बनाएं, “ॐ ब्रं बृहस्पतय नम:” मंत्र का जाप करते हुए उसमें दूर्वा घुमाएं. इसके बाद इस खीर को खा लें और अगले दिन सूर्योदय होने तक कुछ और ना खाएं.
कन्या राशि-कानूनी अड़चनों को दूर करना है तो यह गुरु पुष्य योग आपके लिए उत्तम समय साबित होगा. उपाय – एक ईंट पर हल्दी से “ॐ ब्रं बृहस्पतय नम:” लिख करके ईंट को किसी मंदिर में जाकर रख आएं.
तुला राशि-जॉब प्रमोशन या कॅरियर में तरक्की के लिए करें ये उपाय – एक तांबे का सिक्का लाकर रख लें. अपने बॉस से “ॐ ब्रं बृहस्पतय नम:” का जाप करते हुए प्रमोशन की बात करें.
वृश्चिक राशि-यह समय परिवार में सामंजस्य बिठाने और हर दिक्कत को दूर करने का है. उपाय – एक कटोरी में सरसों का तेल और एक चुटकी हल्दी डालें. सुंदरकांड का पाठ करें. इसके बाद कपूर की टिकिया उस तेल में डालकर जलाकर पूरे घर में घुमाएं. घर का हर क्लेश समाप्त होगा.
धनु राशि-यह समय अपनों को अपने पास लाने का है. उपाय – एक सात बिलांग का पीला धागा ले लीजिएगा. 7 गांठ लगाकर अपनी दाहिनी मुट्ठी में बंद करके “ॐ ब्रं बृहस्पतय नम:” का जाप करें और इसके बाद इसे अपने गले में पहन लें. तब तक इसे पहन कर रखें जब तक इस प्रकार की कोई दिक्कत जीवन से समाप्त नहीं हो जाती.
मकर राशि-परिवार में एकता कायम करने के लिए उपाय करें – सात सबुत उड़द हल्दी में रंग लें और किसी पात्र में रख लें. 7 दिसंबर को पूरे घर में छिड़क दें.
कुंभ राशि-कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उत्तम समय है यह गुरु पुष्य योग. उपाय इस प्रकार है – 7 छुआरे लेकर सब पर हल्दी का तिलक कर दें. इसके बाद “ॐ ब्रं बृहस्पतय नम:” या “ॐ नम: भगवते वासुदेवाय” भी जप सकते हैं. अंत में छुआरों का सेवन कर लीजिए.
मीन राशि-यह स्थिति पति-पत्नी में आपसी सामंजस्य बनाने का उपाय करने की है. परिवार की सुख शांति मांगें. उपाय – एक छोटा-सा ईंट का टुकड़ा शहद में डिबोकर मंत्र का जाप करते हुए किसी ताबीज में डालकर अपने गले में पहन लें