टेक्सटाइल मशीनरी की ज्यादा मांग लुधियाना और त्रिपुर में है। मार्डन मशीनरी बना कर उद्योग की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मशीन टूल उद्योग का मकसद विदेशी आयात को कम करना है ताकि टेक्सटाइल उद्योग को डोर स्टेप पर ही मशीनरी एवं सर्विस मुहैया कराई जाए। इसी दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

कलस्टर के जरिए अपग्रेडेशन की राह पकड़ेगा मशीन टूल उद्योग

पंजाब में मशीन टूल उद्योग पारंपरिक तरीके से आगे बढ़ रहा है और बदलते वक्त में इंडस्ट्री ने फास्ट ट्रैक पर पैर नहीं रखा। नतीजतन उसकी ग्रोथ रूक गई। अब उद्योग कलस्टर के जरिए वह अपग्रेडेशन की राह पकड़ेगा। इस मकसद से उद्यमी यहां फिको मेगा मशीन टूल कलस्टर बना रहे हैं। इसमें 15 करोड़ की लागत से आधुनिक कॉमन फेसिलिटी सेंटर बना कर इसे विश्व स्तरीय मशीनरी से लेस किया जाएगा। यहां से उद्यमियों को विस्तार की राह दिखाई जाएगी।टेक्सटाइल मशीनरी की ज्यादा मांग लुधियाना और त्रिपुर में है। मार्डन मशीनरी बना कर उद्योग की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मशीन टूल उद्योग का मकसद विदेशी आयात को कम करना है ताकि टेक्सटाइल उद्योग को डोर स्टेप पर ही मशीनरी एवं सर्विस मुहैया कराई जाए। इसी दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

काबिलेजिक्र है कि मशीन टूल उद्योग में पंजाब में करीब 500 इकाइयां हैं और इसकी सालाना टर्नओवर लगभग 800 करोड़ है। 90 फीसद इकाइयां माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज सेक्टर में स्थित हैं। संसाधनों की कमी, वित्त के अभाव के कारण ही उद्यमी खुद को अपग्रेड नहीं कर पाए। हालत यह है कि उद्यमियों के पास मार्डन मशीन टूल बनाने की तकनीक नहीं है ओर न ही इसके लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर है।

कलस्टर के तहत बनने वाले नए सेंटर में विश्व स्तरीय मशीनें विकसित की जाएंगी। उद्यमियों का मकसद विदेशों से आयात हो रही मशीनरी को कम कर मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना है। इससे चीन का दबदबा कम होगा और स्थानीय स्तर पर ही मशीनें विकसित होंगी। कलस्टर के लिए उद्यमियों ने स्पेशल परपज व्हीकल का गठन कर लिया है, जबकि डिटेल्ड प्रोजैक्ट रिपोर्ट बनी हुई है। उद्यमियों का दावा है कि वर्ष 2019 तक इसको शुरू कर दिया जाएगा।

मेगा मशीन टूल कलस्टर के महासचिव मनजीत सिंह मठारू का कहना है कि कलस्टर में डेढ़ करोड़ की लागत से बिल्डिंग बनाई जाएगी। इसमें साढ़े 13 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीनरी लगाई जाएगी। इसके अलावा विश्व स्तरीय टेस्टिंग एवं मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं तैयार की जाएंगी। कॉमन फेसिलिटी सेंटर में डिजाइन को भी तवज्जो दी जाएगी। डिजाइन एवं तकनीक के लिए इंडियन टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के साथ समझौता किया गया है।

कलस्टर के प्रधान सुखदियाल सिंह का कहना है कि सालाना 16 हजार करोड़ की टेक्सटाइल मशीनरी विदेशों से आयात की जाती है और चार हजार करोड़ के पुर्जे आयात किए जा रहे हैं। यह आयात चीन, ताईवान, कोरिया एवं जापान से अधिक किया जा रहा है। इन मशीनरी के पुर्जे भी विदेशों से मंगवाए जा रहे हैं। लेकिन टेक्सटाइल उद्योग को बकायदा सर्विस नहीं मिल पा रही है।

टेक्सटाइल मशीनरी की ज्यादा मांग लुधियाना और त्रिपुर में है। मार्डन मशीनरी बना कर उद्योग की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मशीन टूल उद्योग का मकसद विदेशी आयात को कम करना है ताकि टेक्सटाइल उद्योग को डोर स्टेप पर ही मशीनरी एवं सर्विस मुहैया कराई जाए। इसी दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

 
 
English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com