
सूत्रों का कहना है कि ओवर ग्राउंड वर्कर कालेज में पढ़ने वाले उन छात्रों को आतंक का पाठ पढ़ा रहे हैं, जिनके परिवार का कभी आतंक से ताल्लुक रहा हो। ऐसे छात्रों को भड़का कर उनको आतंकी बनाया जा रहा है। ओजी वर्कर पहले इन युवाओं की प्रोफाइल टटोलते हैं।
फिर इनसे सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं। इसके बाद इन युवाओं को पैसों की अच्छी खासी आफर दी जाती है। इन सभी झांसों में कुछ छात्र फंस जाते हैं। जिनको हमलों में शामिल किया जाता है। अभी कुछ दिन पहले पुलिस ने कश्मीर से तीन ओजी वर्करों को दबोचा था।
आमतौर पर आतंकी हमले में ग्रेनेड, एके 47 और आईआईडी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह हमला पिस्तौल से किया गया। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि इनको ट्रेनिंग नहीं देनी पड़ती। अमूमन युवा आतंकियों को ट्रेनिंग के लिए उस पार भेजा जाता है। ट्रेनिंग देने के बाद वापस भेज दिया जाता है।
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