New Delhi: कानपुर में जनसेना साधुओं का एक समूह कश्मीर जाने वाले लोगों को वहां के पत्थरबाजों से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग में महिलाओं और पुरुष दोनों शामिल हैं। यह भी पढ़े:> एक बार फिर सहारनपुर में हिंसक वारदात, पथराव, आगजनी, फायरिंग एक की मौत!
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बता दें कि जनसेना साधुओं का ये समूह कानपुर में उन लोगों को प्रशिक्षित कर रहा है जो 7 मई को कश्मीर जाने वाले हैं। आपको बता दें कि कश्मीर में लगातार पत्थर फेंकने की घटना बड़ते जा रही है। इस पत्थरबाजी में पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि घाटी में हिंसा की साजिश के तहत सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी में महिला अलगाववादियों का हाथ है। प्रदर्शनकारी छात्राओं की भीड़ में बुर्काधारी महिला अलगाववादी घुसकर छात्राओं को पत्थरबाजी के लिए भड़का रही हैं।
श्रीनगर के साथ-साथ छात्राओं की पत्थरबाजी का यह सिलसिला उत्तरी कश्मीर और दक्षिणी कश्मीर में भी फैलाने की साजिश है। पिछले दिनों दुख्तरान-ए-मिल्लत की अध्यक्ष आसिया अंद्राबी की गिरफ्तारी भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है। दरअसल, कॉलेज की छात्राओं की ओर से अचानक सुरक्षा बलों पर पथराव की घटनाएं शुरू होने से सुरक्षा बल इस नए ट्रेंड से चिंतित हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के पास इस बात के इनपुट हैं कि घाटी में सक्रिय महिला अलगाववादियों को छात्राओं को भड़काने का जिम्मा सौंपा गया है। ये बुर्का धारण कर प्रदर्शनकारी छात्राओं की भीड़ में घुस जा रही हैं और सुरक्षा बलों को निशाना बना रही हैं। बुर्का होने की वजह से इनकी पहचान कर पाना आसान नहीं है।
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