जानिए, किस वजह से विश्वास के समर्थकों ने AAP कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा को अब मजबूरीवश किसी यादव उम्मीदवार को ही मैदान में उतारना होगा। इसलिए संभवत: आज पार्टी राज्य सरकार में श्रम मंत्री डॉ जसवंत सिंह यादव को अलवर से प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर सकती है। पार्टी नेताओं के अनुसार डॉ. यादव पार्टी नेतृत्व की पहली पसंद नहीं है। लेकिन अलवर में यादव वोट ही जीत-हार तय करते हैं। इसलिए भाजपा ने डॉ .यादव को उम्मीदवार बनाने का मन बना लिया है। डॉ यादव हाल ही में पीएम मोदी पर दिए गए एक बयान को लेकर सुर्खियों में आए थे। दरअसल यादव की पीएम मोदी को लेकर जुबां फिसल गई थी और वे उन्हें दुनिया के सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री बोल गए थे।
वहीं अजमेर लोकसभा सीट के लिए भी पेंच फंसा हुआ। यहां दोनों ही पाटियां जातिगत समीकरणों के आधार ही उम्मीदवार घोषित करेंगी। गौरतलब है कि अलवर व अजमेर दोनों ही लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के वरिष्ठ कद्दावर नेता माने जाने वाले जितेन्द्र सिंह और सचिन पायलट का प्रभाव है। इसलिए कांग्रेस इसी आधार पर दोनों सीट जीतने का दावा कर रही हैं, जबकि भाजपा के सामने मुश्किल यह है कि दोनों ही सीटों पर उसके पास कोई प्रभावित करने वाला नाम नहीं है।
सत्तारुढ़ भाजपा दोनों ही सीटों पर प्रत्याशी के लिए अपने ही नेताओं से गुप्त मतदान करा चुकी है। लेकिन फिर भी नामों की घोषणा करने में हिचक रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार जयपुर से संभावित उम्मीदवारों की सूची पार्लियामेंट्री बोर्ड में भेजी गई है। वहीं से नामों पर मुहर लगेगी। गौरतलब है कि 29 जनवरी को अलवर और अजमेर लोकसभा सीट के अतिरिक्त मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए वोटिंग होनी है। इसी को लेकर राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।
गुजरात व हिमाचल प्रदेश चुनाव में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली पीएम मोदी इन चुनावों के बाद पहली बार राजस्थान आ रहे हैं। यहां होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनाव से पूर्व पीएम मोदी के दो दौरे कांग्रेस की परेशानी बढ़ा सकते हैं। हालांकि पीएम मोदी का फिलहाल उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कोई कार्यक्रम नहीं है, लेकिन वे 14 जनवरी को बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी का शिलान्यास व 22 जनवरी को झुंझुनूं में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनकी जनसभाओं की भी जानकारी मिल रही है।