कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 61 नेता आज राज्यसभा सदस्यता की शपथ लेंगे। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और मल्लिकार्जुन खड़गे, झामुमो अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन भी इनमें शामिल हैं। इन 61 में से 43 सदस्य पहली बार राज्यसभा पहुंचे हैं। अब सदन में भाजपा सांसद 75 से बढ़कर 86 हो गए हैं।
पहली बार हाउस चैंबर में होगी शपथ
संसद का सत्र चालू नहीं होने की स्थिति में आमतौर पर शपथ अध्यक्ष के कक्ष में होती है, लेकिन पहली बार हाउस चैंबर में होगी। शपथ के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। हर सदस्य को सिर्फ एक गेस्ट साथ लाने की परमिशन होगी। जो सदस्य किसी वजह से आज नहीं पहुंच पाएंगे, उन्हें मॉनसून सत्र में शपथ दिलवाई जाएगी।
कोरोना के बीच संसद की स्टैडिंग कमेटीज की बैठकें शुरू होने की वजह से राज्यसभा अध्यक्ष एम वैंकया नायडू ने नए सदस्यों को शपथ दिलाने का फैसला लिया था। शपथ लिए बिना नए सदस्य बैठकों में शामिल नहीं हो सकते।
राज्यसभा की 19 सीटों के लिए जून में चुनाव हुए थे
इन चुनावों में भाजपा को 8 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं। पिछली बार इन 19 सीटों में से भाजपा के पास 9 और कांग्रेस के पास 6 सीटें थीं। यानी इस बार भाजपा को 1 और कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान हुआ।
भाजपा की भले ही राज्यसभा की एक सीट घट गई, लेकिन उसके नेतृत्व वाले एनडीए को इस चुनाव से कोई नुकसान होता नहीं दिखा। राज्यसभा की इन 19 सीटों में से एनडीए ने पिछली बार 10 सीटें जीती थीं। इस बार भी भाजपा को 8 और एमडीए-एमएनएफ को 1-1 सीट मिलीं। इस तरह 10 सीटों का एनडीए का आंकड़ा बरकरार रहा।
उधर, यूपीए को 2 सीटों का नुकसान हुआ। पिछली बार यूपीए ने इन 19 में से 7 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के पास 6 और राजद के पास 1 सीट थी। इस बार कांग्रेस ने 4 और झामुमो ने 1 सीट जीती है। इस तरह यूपीए के खाते में इस बार 5 सीटें आईं।