किसान आंदोलन: नोएडा में कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने रस्साकशी के जरिए जताया विरोध

 3 केंद्रीय कृषि कानूनों की खिलाफ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत आधार दर्जन रा्ज्यों के किसानों का धरना बुधवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया है। दिल्ली से सटे हरियाणा (टीकरी और सिंघु बॉर्डर) और उत्तर प्रदेश (यूपी गेट और चिल्ला बॉर्डर) समेत कई बॉर्डर सील हैं,  जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत पेश आ रही है। दिल्ली पुलिस ने वैकल्पिक रास्तों के इंतजाम किए हैं, लेकिन लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ा रहा है। यह सिलसिला पिछले तकरीबन एक पखवाड़े से जारी है। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। वहीं, सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि किसान संगठन तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं, बुधवार दोपहर 2 बजे भारतीय जनता पार्टी की पत्रकार वार्ता होनी है।

नोएडा के सेक्टर 95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल में कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के कार्यकता रस्साकशी के जरिये अपना विरोध प्रकट करते किसान। किसान पिछले आठ दिन से पार्क में बैठे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार सभी फसल की एमएसपी दरें निर्धारित करके किसान आयोग का गठन करें।

वहीं, इस बीच बुधवार दोपहर सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों पर एक अहम बैठक आयोजित की गई है, जिसमें कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है  कि हम केंद्र द्वारा भेजे गए मसौदे पर एक बैठक करेंगे। यह बैठक केंद्र के साथ 6 बैठक होने के बाद हो रही है।  इस मसौदे (Draft) को लेकर चर्चा होगी, साथ ही आगे के कदमों पर भी विचार किया जाएगा।  शाम 4-5 बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हुए सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं। सिंधु बॉर्डर पर अन्य किसान संगठनों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

ग्रेटर नोएडा में दादरी स्थित सूरत फार्म पर किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के लगभग 40 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिले में धारा-144 लगी है, ऐसे में धरना प्रदर्शन बिना जिला प्रशासन की अनुमति के नहीं किया जा सकता है।

इससे पहले मंगवलार को दिल्ली हरियाणा सीमा पर चल रहा किसानों का आंदोलन कारोबारियों पर भारी पड़ रहा है। सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ स्थित दर्जनों वाहनों के शोरूम और सर्विस सेंटर बंद करने पड़ गए हैं। दिल्ली की तरफ तीन पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप को भी बंद कर दिया गया है। क्योंकि सड़क बंद होने के कारण वाहन चालक ईंधन भाराने के लिए नहीं आ रहे हैं। यहां पर काम करने करने वाले सैकड़ों लोगों को आंदोलन खत्म होने तक छुट्टी पर भेज दिया गया है।

कारोबारियों का कहना है कि आंदोलन जल्द खत्म नहीं हुआ तो घर पर खाने के लाले पड़ जाएंगे। सिंघु गांव के रहने वाले राजेश गुप्ता प्रापर्टी डीलर है। उनका कार्यालय सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ है। वे पिछले एक सप्ताह से कार्यालय नहीं जा रहे हैं। उनका कहना कि कार्यालय के बाहर आंदोलनकारी नहा रहे हैं, साथ कपड़े सुखा रहे हैं। सड़क पूरी तरह से बंद होने के कारण कोई भी कार्यालय नहीं आ सकता। ऐसे में पिछले एक सप्ताह से घर पर ही दिन बीत रहा है। यदि ऐसा कुछ और दिन चला जो परिवार वालों का पेट भरना भी मुश्किल हो जाएगा।

हर दिन 15 से 30 हजार का हो रहा नुकसान

सड़क बंद होने के कारण दर्जनों वाहनों के बड़े-बड़े शो रूम और सर्विस सेंटर बंद हैं। यहां पर रोजाना हजारों रुपये का कारोबार होता है। कृष्णा कार सर्विस सेंटर के कर्मचारी अभिषेक का कहना है कि एक सप्ताह से अधिक दिन से काम बंद पड़ा है। रोजाना 15 से 30 हजार रुपये का काम यहां पर होता था। एक दर्जन से अधिक लोग काम करते हैं। लेकिन आंदोलन के कारण काम पूरी तरह से बंद है। यही हाल वहां पर स्थित तीन पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप है। यहां पर बॉर्डर सील होने से पहले रोजाना हजारों वाहनों में ईंधन भरा जाता है। दर्जनों लोग काम करते थे। लेकिन तीनों पेट्रोल पंप और सीएनजी पंप को बंइ करना पड़ा है।

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