उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के कई जिलों में विगत दिनों हुए रिमझीम बारिश का असर अब कूड़े की ढेर में देखने को मिल रहा है। बात फूलो की खेती कर अपनी आजीविका चलाने वाले किसानों की है, जो इन दिनों बदहाली के कगार पर पहुंच गए है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी फूल मंडी की सड़को पर अपनी फूल की फसल को छोड़ किसान मायूस होकर घर लौट गए। प्रतिदिन सैकड़ों कुंतल फूल कूड़े में फेंक जा रहे है।
शादी के सीजन में भी नही बिक रहे फूल, किसान सड़क पर फूल फेकने पर हुए मजबूर
वाराणसी के मलदहिया स्थित फूल मंडी पहुंचने वाले किसान दिन भर अपनी फसल ( फूलो की माला) को बेचते, लेकिन जब फूल नहीं बिक रहा, तो उसे सड़क पर छोड़ चले जा रहे है। फूलों को सड़क पर ही रखने के पीछे किसानो ने बताया कि बनारस में बड़े स्तर पर गेंदे के फूल की खेती होती है, लेकिन विगत दिनों हुए बारिश ने उनके फसल को खराब कर दिया। बारिश के वजह से पीले और आकर्षक फूलो पर काले धब्बे छा गए। यही वजह है कि फूलो को कोई खरीद नही रहा है। किसानों की माने तो वह घर से पैसे लगाकर फूलो को बेचने के लिए मंडी लाते है और फूल के खरीदार होने के बाद भी उनके फूलो को कोई ले नही रहा है। ऐसे में बचे हुए फूलो को वह सड़क और कूड़े में फेंक कर जा रहे है, क्योंकि अब उसे दोबारा घर ले जाने में उनको और पैसे लगाने होंगे। जबकि उनके फसल की लागत भी बारिश की वजह से नही निकल पा रही है।
प्रतिदिन 10 से 12 लाख के फूल फेक रहे किसान, कलकत्ता से हो रही मंडी में फूलो के स्टॉक भरपाई
मंडी में फूल की सप्लाई करने वाले सुजीत कुमार ने बताया कि पूर्वांचल के किसान प्रतिदिन करीब 10 से 12 लाख के फूल सड़क या कूड़े में फेंक कर जा रहे है। शादी के सीजन में फूलो की डिमांड काफी है, लेकिन पूर्वांचल के फूलो पर बारिश ने धब्बा लगा दिया है। वही फूल मंडी में पूर्वांचल में होने वाले गेंदे के फूल की कमी को दूर करने के लिए कलकत्ता से गेंदे के फूल मंगवाए गए है। पूर्वांचल के किसानों के गेंदे के फूल को इस बार कोई लेने को तैयार नही हो रहा है। किसानों का कहना है, कि शादी के सीजन में गेंदे के फूल की एक माला 10 से 15 रुपए में बिकती है, लेकिन इन दिनों उनके फूलो की माला को 5 रुपए भी नही मिल पा रहे है। मजबूरन वह अपने फूलो को कूड़े की ढेर में फेकने पर मजबूर है।