केंद्र सरकार लगातार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के प्रयास में जुटी हुई है. इसके लिए वह कार बनाने वाली कंपनियो को न सिर्फ ई-व्हीकल बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि उन्हें पेट्रोल और डीजल कारों का विकल्प न ढूंढने पर सरकार के कड़े नियमों के लिए तैयार रहने की भी हिदायत दे रही है. सरकार का यह रुख पेट्रोल और डीजल कारों के लिए मुसीबत खडी कर सकता है.प्रदेश सरकार ने लाखों कर्मचारियों को 4 % महंगाई भत्ता देने का आदेश किया जारी
आम लोगों पर नहीं डाल सकते दबाव : भार्गव
सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने को लेकर ऑटोमेकर मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि कार कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए आम लोगों पर दबाव नहीं डाल सकती. उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में हालांकि सरकार का समर्थन किया और कहा कि सरकार ऑटोमेकर इंडस्ट्री को खत्म नहीं करना चाहती, बल्कि उन्हें पेट्रोल-डीजल छोड़कर दूसरे विकल्पों की ओर ले जाना चाहती है. भार्गव सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कार कंपनियों को जल्द इलेक्ट्रिक कारों की तरफ बढ़ जाना चाहिए.
गडकरी ने दी कड़ी हिदायत
नितिन गडकरी ने सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के एक कार्यक्रम में ऑटो कंपनियों के प्रतिनिधियों को हिदायत दी थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ”हमें पेट्रोल-डीजल को छोड़कर स्वच्छ ईंधन की तरफ बढ़ना होगा. मैं ये कर के रहूंगा. आप लोगों को यह पसंद आए चाहे न आए. मैं आप लोगों को पूछूंगा नहीं, बल्कि सीधे फैसला ले लूंगा.”.
‘पेट्रोल-डीजल पर अटके रहे, तो होगी मुसीबत’
गडकरी ने कार कंपनियों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि वह पेट्रोल और डीजल की कारों को कम करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे. उन्होंने हिदायत दी कि कार कंपनियों को अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने पर फोकस करना चाहिए. गडकरी ने कहा कि जो कार कंपनियां इस मिशन में सरकार के साथ होंगी, वे फायदे में रहेंगी. लेकिन जो सिर्फ पैसे कमाने के चक्कर में पेट्रोल-डीजल कार पर ही अटके रहेंगे, तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.
कार कंपनियां खुद को कर लें तैयार
गडकरी ने कार कंपनियों को कड़े शब्दों में कहा कि वह अभी से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दें. अगर कंपनियां ऐसा नहीं करेंगी, तो उन्हें परिणाम भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने कंपनियों से कहा कि आप बाद में सरकार के पास यह बोलने न आएं कि हमारा काफी स्टॉक बचा हुआ है. उन्होंने कहा कि भविष्य पेट्रोल और डीजल कारों का नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक कारों का है. इसलिए इसकी तैयारी अभी से कर लें.
ये है सरकार का मिशन 2030
केंद्र सरकार की योजना है कि 2030 तक भारत की सड़कों पर सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें हों. इसके लिए उसने अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं. जल्द ही सरकार इलेक्ट्रिक कारों को लेकर एक पॉलिसी भी तैयार करने वाली है. केंद्र देश में जल्द चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए भी प्रयास कर रहा है. अपनी इस योजना को पूरा करने के लिए सरकार पेट्रोल और डीजल कारों के खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है. ऐसे में कार कंपनियों ने भी इलेक्ट्रिक कारों को लाने को लेकर काम करना शुरू कर दिया है.