देश की राजधानी दिल्ली पिछले चार दिनों से धरने में तब्दील हो गई है। यह पहला मौका है जब सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी धरने पर बैठा हुआ है। वहीं, उपराज्यपाल के आवास पर दिल्ली के मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्रियों के अनशन पर बैठने का मामला गरमाता जा रहा है। इस बीच खबर है कि धरने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) बंटती नजर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री केजरीवाल समेत दो मंत्रियों के एलजी आवास पर धरना देने से AAP के वरिष्ठ नेता आशुतोष नाराज़ बताए जा रहा है। जो खबर निकल कर आ रही है कि उसके मुताबिक, धरने के कारण जनता में गलत संदेश जाने की आशंका है, ऐसा आशुतोष का मानना है। हालांकि, आधिकारिक रूप से धरने पर अभी तक सिर्फ आशुतोष ने ही कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, बाकी नेता एक सुर में केजरीवाल के साथ हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर धरना देने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता हरि नाथ ने दिल्ली सरकार के धरना देने को लेकर हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को याचिका दायर की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया। याचिका में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हड़ताल पर बैठने से दिल्ली में संवैधानिक इमरजेंसी जैसी स्थिति आ गई है।
यहां पर बता दें कि राजधानी दिल्ली में राजनीतिक तस्वीर पिछले चार दिनों से बिगड़ी हुई है। इसी सोमवार की शाम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई कैबिनेट मंत्री राज्यपाल के खिलाफ उनके निवास पर धरना दे रहे हैं तो वहीं विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी सीएम के खिलाफ उनके घर पर धरना दे रही है। केजरीवाल के धरने का आज चौथा दिन है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि उनका भाई पुणे से मिलने आया, लेकिन मिलने नहीं दिया गया।
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