यूपी के कैराना उपचुनावों के लिए प्रचार अभियान खत्म हो चुका है और अब 28 मई को होने वाले मतदान पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इन चुनावी नतीजों से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तस्वीर काफी हद तक साफ़ हो जाएगी. वहीं कैराना उपचुनाव की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि चुनाव अभियान ख़त्म होने के बाद भी पीएम मोदी रविवार को बागपत में रैली करने जा रहे है. प्रथानमंत्री की यह रैली इस मायने में भी ख़ास मानी जा रही है कि इसके साथ ही मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन जाएंगे जो किसी उपचुनाव के लिए प्रचार करेंगे, वह भी चुनाव प्रचार के लिए निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद. इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी भी किसी उपचुनाव के प्रचार नहीं किया है.
उत्तर प्रदेश में कैराना संसदीय सीट के उपचुनाव के लिए 28 मई को मतदान होना है, लिहाजा आज 26 मई की शाम से चुनाव प्रचार थम चुके है. हालांकि यहां कोई नहीं थमेगा तो सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी. वे आज 27 मई की शाम कैराना से सटे बागपत जिले में स्मार्ट एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे. अब मोदी किसी परियोजना का उद्घाटन करे और भाषण न दे, ऐसा तो हो नहीं सकता. ऐसा भी नहीं हो सकता कि वे भाषण दे और उसमें चुनाव प्रचार न हो. प्रधानमंत्री जी सिर्फ भाषण ही नहीं देंगे बल्कि वहां सडक तमाशा (रोड शो) भी करेंगे. मामला पूरी तरह साफ है कि उद्घाटन की तारीख मतदान से एक दिन पहले की क्यों चुनी गई.
अगर देश में चुनाव आयोग नामक संवैधानिक संस्था के प्राण पखेरू न उडे होते तो निश्चित ही प्रधानमंत्री यह कार्यक्रम मतदान से एक दिन पहले नहीं कर पाते. बता दें कि कैराना से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features