उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कैसरबाग स्थित अवध बस डिपो में बड़ा टिकट घोटाला सामने आया है। डिपो के बैग कक्ष से 29 जुलाई को मैन्युअल टिकटों की दस गड्डियां गायब हुई थी। इन गायब टिकटों की कीमत लगभग साढ़े छह लाख रुपये बताई जा रही है। आमतौर पर परिवहन विभाग में परिचालकों को ई-पीओएस मशीन दिया जाता है।
इसमें मशीन खराब होने की अवस्था में विकल्प के तौर पर मैनुअल पर्चियां दी जातीं है। इसी क्रम में बीते 6 सितंबर को रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक RK त्रिपाठी के द्वारा मामले की जांच बैठाई गई। जांच में इस घोटाले में तीन लोगों के नाम सामने आए। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने डिपो के दो बस परिचालक दिनेश कुमार श्रीवास्तव अनुज मिश्रा को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया।
इसके अलावा आरके त्रिपाठी की जांच में लिपिक राजेश श्रीवास्तव भी दोषी पाए गए। जिसके बाद उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। छह सितंबर को इस मामले में जांच करने के बाद पता चला कि तीन कर्मचारियों की इसमें भूमिका शामिल है। लेकिन इस मामले को लगातार अफसर दबाए रहे। वहीं बैग कक्ष प्रभारी मधु श्रीवास्तव की लापरवाही सामने आने पर उनको भी जवाब तलब किया गया है। बहरहाल अब तक इस मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।