कोरोना काल में इसे सीट भरने की मजबूरी मानी जाए य स्कूलों की उदारता, निजी स्कूलों ने दाखिला फीस में राहत देने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्कूल बच्चों कि एडमिशन फीस नहीं लेंगे। स्कूलों के इस निर्णय को अभिभावको की भी सराहना मिल रही है। दरअसल, अभी तक स्कूलो में दाखिले के समय और एक क्लास से अगली क्लास में जाने के दौरान अभिभावकों को एडमिशन फीस देनी पड़ती रही है। स्कूल ऐसे अनिवार्य स्थगित है मानते थे। मगर बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण से उपजे हालात से स्कूलो में ताले पढ़ गए। इसके चलते बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया।
खासकर छोटे बच्चों के नए दाखिल भी ठंडे बस्ते में चले गए। कोरोना संक्रमण के कारण अभिभावकों ने अपने बच्चों के दाखिल नहीं कराए। हालात कुछ ऐसे पैदा हुए की स्कूलों में देखने के लाले पड़ गए। धीरे-धीरे एक साल बीत गया। अब जब नए सत्र 2021-2022 को लेकर स्कूलों ने प्लानिंग की तो हालत और भी विपरीत नज़र आए। दाखिले कि स्थिति न के बराबर होने के कारण, स्कूलों को अभिभावकों को बड़ी राहत देने का निर्णय लेना पड़ा। इसकी तहत स्कूलों में इस नए सत्र में नए बच्चियों के दाखिल पर दाखिला फीस और पुराने बच्चों के री एडमिशन फीस को पूरी तरह न लेने का निर्णय लिया है।
कोरोना काल सबके लिए संकट भरा है। तमाम लोगो की नौकरी चली गई तो तमाम लोगों के वेतन आधे हो गए। स्कूल भी समाज की इन बड़ी समस्याओ को अच्छी तरह समझ रहे। इसलिए निजी स्कूल एसोसिएशन की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि इस बार एडमिशन फीस नहीं ली जाएगी।
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