कोरोना संक्रमण काल के बीच ज्येष्ठ मास के तीसरे बड़े मंगल पर जहां हनुमान जी के मंदिरों में पुजारियों ने बजरंग बली की आरती उतारी तो घरों में श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा व सुंदरकांड पाठ किया। तीसरे मंगल पर भंडारों की धूम रहती थी लेकिन इस बार सन्नाटा रहा। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में सुंदरकांड पाठ के साथ पौधों का भंडारा लगाकर श्रद्धालुओं को पैकेट बंद प्रसाद दिया गया। बादलों के चलते तेज धूप से श्रद्धालुओं को राहत मिली तो मंदिरों के बाहर से दर्शन करने वालों की कतारें लगी रहीं। हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में पुजारी ने श्रृंगार किया तो दर्शन के लिए श्रद्धालु भी आने लगे। गर्भ गृह में प्रतिबंध के बीच श्रद्धालुओं ने दूर से ही पूजन किया।
अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में भी श्रृंगार के साथ ही मंदिर के कपाट तो खाेल दिए गए, लेकिन मंदिर में प्रवेश वर्जित रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर चबूतरे से बाबा के दर्शन कर मन्नत मांगी। नए हनुमान मंदिर के मुख्यकार्य अधिकारी व प्रशासक अनिल तिवारी ने पहले से ही मंदिर बंद करने की घोषणा कर दी थी जिससे श्रद्धालुओं की संख्या कम रही लेकिन जो आए वे बाहर से दर्शन करके वापस गए। हनुमान सेतु मंदिर में भी भोर आरती के साथ ही मंदिर के कपाट खोले गए लेकिन हाल के बजाय गैलरी में दर्शन किए गए। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम सिंह ने पूजन व श्रृंगार किया।
बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में पुजारी पवन मिश्रा ने तुलसी से बाबा का श्रृंगार किया। गेट के बाहर से लोगों ने दर्शन किए। टड़ियन हनुमान मंदिर, तालकटोरा रोड के बाला जी मंदिर, आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर व बारा बिरवा के हनुमान मंदिर समेत सभी मंदिरों के सामने श्रद्धालु दर्शन करते नजर आए। वहीं अलीगंज के ऐतिहासिक पुराने हनुमान मंदिर में जमीन पर लेट कर श्रद्धालु परिक्रमा करते हुए आते हैं, लेकिन दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुअ नजर नहीं आए। नगर निगम व मंगलमान की ओर से जगह-जगह ई-भंडारे के माध्यम से प्रसाद वितरित किया गया।
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