दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को एक अहम सुनवाई के दौरान उत्तर दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) को आदेश दिया है कि वह कस्तूरा गांधी और हिंदू राव अस्पताल समेत सभी 6 अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को सैलरी दे। बता दें कि ये सभी 6 अस्पताल NDMC के अंतर्गत आते हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि NDMC मार्च से लेकर मार्च से अब तक सैलरी डॉक्टरों को जारी करे।
इस पर NDMC ने कोर्ट से कहा कि हम एक सप्ताह के दौरान सात-आठ करोड़ रुपये जुटाकर डॉक्टरों के वेतनमान का भुगतान कर देंगे। इस दौरान निगम ने अनु्दान की कमी का भी रोना रोया। कोर्ट में कहा कि कोरोना महामारी के चलते प्रॉपर्टी टैक्स में भारी कमी आई है। ऐसे में अनुदान की भारी कमी हो गई है। NDMC ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि डॉक्टरों को कोरोना के इस समय में हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले पर स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। सैलरी देने का आदेश देने के साथ दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप इतने व्यस्त हैं कि डॉक्टरों को तनख्वाह देने का समय भी आपके पास नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि कुल डॉक्टरों की संख्या 300 से भी अधिक है और इन सबकी सैलरी 2 करोड़ 10 लाख बनती है। इस पर नगर निगम ने कहा कि हमें तकरीबन 18 करोड़ रुपये डॉक्टरों को देने के लिए चाहिए, जबकि हमारे पास कुल 10 करोड़ रुपये है।
बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले हिंदू राव हॉस्पिटल और कस्तूरबा अस्पातल के डॉक्टरों को तीन-चार महीने से सैलरी नहीं मिली है। इसको लेकर डॉक्टरों ने कहा था कि सैलरी नहीं मिली तो वह काम पर नहीं आ पाएंगे।
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