वजन घटाना आज के दौर का एक ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है। जिम जाना, डाइटिंग करना, सुपरफूड्स खोजना लगभग हर किसी की रूटीन लाइफ का हिस्सा है। लेकिन इस भागदौड़ में हम कई बार वेट लॉस से जुड़ी अफवाहों और गलत धारणाओं का शिकार हो जाते हैं।
वेट लॉस से जुड़ी ये गलत जानकारियां न सिर्फ हमारी मेहनत को बर्बाद करती हैं, बल्कि सेहत के साथ भी खिलवाड़ करती हैं। इसलिए इन मिथकों से बचना जरूरी है। आइए वजन घटाने से जुड़े ऐसे ही 5 आम मिथकों की पोल खोलते हैं और जानते हैं उनकी सच्चाई।
मिथक 1- कार्ब्स पूरी तरह छोड़ देना चाहिए
सच्चाई- यह शायद वेट लॉस से जुड़ा सबसे खतरनाक मिथक है। कार्ब्स हमारे शरीर को एनर्जी देने का मुख्य सोर्स हैं। इन्हें पूरी तरह से छोड़ने से शरीर थका हुआ, कमजोर और चिड़चिड़ा महसूस कर सकता है। असल मुद्दा कितने कार्ब्स का नहीं, बल्कि किस तरह के कार्ब्स खा रहे हैं, यह है। होल ग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस, ओट्स, दालें और सब्जियों से मिलने वाले कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट फाइबर से भरपूर होते हैं और लंबे समय तक एनर्नी देते हैं। इन्हें छोड़ने की नहीं, बल्कि रिफाइंड कार्ब्स, जैसे- मैदा, चीनी, व्हाइट ब्रेड को सीमित करने की जरूरत है।
मिथक 2- देर रात खाना खाने से मोटापा बढ़ता है
सच्चाई- विज्ञान इस बात से सहमत है कि वजन बढ़ना या घटना पूरे दिन में ली गई कुल कैलोरी और खर्च की गई कैलोरी पर निर्भर करता है, न कि खाने के समय पर। अगर आपने पूरे दिन में जरूरत से ज्यादा कैलोरी ले ली है, तो चाहे आप दिन में खाएं या रात में, वजन बढ़ेगा। हां, देर रात भारी, तला-गला या ज्यादा मात्रा में खाना पाचन संबंधी समस्याएं और नींद में खलल पैदा कर सकता है, जो इनयारेक्टली वजन को प्रभावित करता है। लेकिन अगर आपको रात में भूख लगती है और आपका कैलोरी इनटेक कंट्रोल में है, तो हल्का, प्रोटीन वाला स्नैक ले सकते हैं।
मिथक 3- सिर्फ एक्सरसाइज से ही वजन कम किया जा सकता है
सच्चाई- एक्सरसाइज वेट लॉस जर्नी का सिर्फ एक पहलू है। यह सिंपल फॉर्मूला है, अगर आप जितनी कैलोरी खर्च कर रहे हैं, उससे ज्यादा खा रहे हैं, तो वजन कम नहीं होगा। एक घंटे की कड़ी कसरत भी एक बर्गर और कोल्ड ड्रिंक की कैलोरी को आसानी से कैंसल कर सकती है। वजन घटाने के लिए 80% डाइट और 20% एक्सरसाइज का फॉर्मूला अक्सर सही माना जाता है। एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है और मसल्स बनाती है, लेकिन बिना डाइट कंट्रोल के इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता।
मिथक 4- ‘लो-फैट’ या ‘फैट-फ्री’ प्रोडक्ट्स वेट लॉस के लिए परफेक्ट हैं
सच्चाई- यह कंपनियों की मार्केटिंग चाल से ज्यादा कुछ नहीं है। जब किसी प्रोडक्ट से फैट निकाला जाता है, तो उसके स्वाद को बनाए रखने के लिए उसमें चीनी, नमक और आर्टिफिशियल फ्लेवर की मात्रा बढ़ा दी जाती है। इससे प्रोडक्ट लो-फैट तो हो जाता है, लेकिन शुगर और कैलोरी से भरपूर हो सकता है, जो वजन बढ़ाने का काम करता है। हेल्दी फैट्स, जैसे नट्स, एवोकाडो और घी का सीमित मात्रा में सेवन शरीर के लिए जरूरी है।
मिथक 5- एक्सट्रीम डाइट या भूखा रहकर जल्दी वजन घटाया जा सकता है
सच्चाई- यह तरीका स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक बहुत कम कैलोरी लेने पर शरीर ‘स्टारवेशन मोड’ में चला जाता है। ऐसे में शरीर एनर्जी बचाने के लिए मेटाबॉलिज्म की रफ्तार धीमी कर देता है और मसल्स को तोड़कर एनर्जी लेने लगता है। नतीजा, वजन तो कम होगा, लेकिन मसल्स लॉस के साथ। जैसे ही आप नॉर्मल डाइट पर लौटेंगे, शरीर उस स्लो मेटाबॉलिज्म के कारण जल्दी से वजन वापस बढ़ा लेगा, जिसे ‘यो-यो इफेक्ट’ कहते हैं।
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