1985 की बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप में ‘चैंपियन ऑफ चैंपियंस’ बनकर छाए रवि शास्त्री आज (27 मई) 55 साल के हो गए. एक ओवर में छह छक्के लगाकर गैरी सोबर्स के रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला यह ‘बंबइया’ क्रिकेटर फैस के दिलों पर राज करने लगा. उन दिनों करियर की ऊंचाइयों पर जा बैठे रवि शास्त्री के कई किस्से मशहूर हुए. वे खुद अर्जेंटीना की टेनिस स्टार गैब्रियला सबातिनी के दीवाने कहे जाते थे.यह भी पढ़े: अभी-अभी: योगी को खून-खराबे की मिली ये बड़ी धमकी यूपी में चारो तरफ मचा हडकंप…
अर्जेंटीना तक जा पहुंचे थे!
रवि शास्त्री के संबंध बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता सिंह से भी रह चुके हैं, लेकिन गैब्रियला की बात कुछ और थी. गैब्रियला अपने लुक्स और शानदार खेल से टेनिस की दुनिया में काफी कामयाब रही थीं. चर्चा यह भी रही कि रवि शास्त्री गैब्रियला से मिलने अर्जेंटीना तक जा पहुंचे थे. लेकिन, जब उस हसीन टेनिस स्टार से इस क्रिकेटर के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था, ये रवि शास्त्री कौन है..?
ये अफवाहें भी उड़ी थीं
उस समय ये अफवाहें उड़ी थीं कि शास्त्री ने गैब्रियला को प्रपोज किया और जिसे उन्होंने इनकार कर दिया. कुछ समय बाद हालांकि शास्त्री ने उस मुलाकात का साफ खंडन करते हुए कहा था कि वे किसी और काम से अर्जेंटीना गए थे. सच्चाई चाहे कुछ भी हो, शास्त्री के इस किस्से ने क्रिकेट को टेनिस से जरूर जोड़ दिया था.
जाने-अनजाने फैक्ट्स
1. 1981: दिलीप दोशी के चोटिल होने के बाद अचानक भारतीय टीम में शामिल किए गए रवि शास्त्री एक दिन पर पहले वेलिंगटन पहुंचे. न्यूजीलैंड के खिलाफ उस टेस्ट की दोनों पारियों में 3-3 विकेट निकाले. दूसरी पारी में तो उन्होंने चार गेंदों में तीन विकेट चटकाए और ये सभी कैच दिलीप वेंगसरकर ने पकड़े.
2. उन्होंने दसवें क्रम पर बल्लेबाजी से अपने टेस्ट करियर का आगाज किया. लेकिन दो साल से भी कम समय में ही उन्हें पारी की शुरुआत करने का मौका मिल गया.
3. शास्त्री ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक लगाने का कारनामा किया. बड़ौदा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मुकाबले में (जनवरी 1985) उन्होंने उसी पारी के दौरान तिलकराज के एक ओवर की सभी गेंदों पर छक्के जड़े थे. शास्त्री ने 80 गेंदों पर सौ रन पूरे करने के बाद अगले सौ रन महज 43 गेंदों में पूरे किए.
4. पारी की शुरुआत करते हुए कम से कम 10 पारियों की बात की जाए तो, रवि शात्री की बल्लेबाजी औसत 44.04 बैठती है. जो सुनील गावस्कर के रिटायर होने तक दूसरा सर्वाधिक एवरेज है. हालांकि बाद में सलामी बल्लेबाज के तौर पर वीरेंद्र सहवाग शास्त्री से आगे निकल गए.