खाद्य तेलों की कीमतों में आ सकती है और गिरावट, देशभर में ऑयल मिलों की जांच

खाद्य तेलों की बढ़ती महंगाई को थामने के लिए सरकार ने दो-तरफा प्रयास तेज कर दिए हैं। आम उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए पहले तो खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाया और अब उसका असर जानने के लिए देश भर के तेल मिलों एवं प्रसंस्करण इकाइयों में व्यापक जांच अभियान चलाया। केंद्र सरकार की इस पहल से माना जा रहा कि सरसों, सोया और सूरजमुखी जैसे खाने के तेल जल्द ही और सस्ते हो सकते हैं।

खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि कीमतों पर नियंत्रण के लिए वह लगातार निगरानी रखेगा और अगर किसी कंपनी ने दाम कम करने में देरी की या गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। सप्ताह भर पहले ही मंत्रालय ने तेल उद्योग के प्रमुख संगठनों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिया था कि वे आयात शुल्क में राहत का फायदा उपभोक्ताओं को भी दें।

सरकार ने कंपनियों से MRP रिपोर्ट मांगी
सरकार ने कंपनियों से प्रत्येक सप्ताह ब्रांडवार नई एमआरपी रिपोर्ट भी मांगी है। पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों की बड़ी तेल इकाइयों और बंदरगाह आधारित रिफाइनरियों में जांच अभियान चलाया गया। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर क्रूड पाम ऑयल, सोया ऑयल और सूरजमुखी तेल का आयात और प्रोसे¨सग होती है।

इसका मकसद खाद्य तेलों से आयात शुल्क घटाने के बाद यह देखना है कि इसका फायदा आम उपभोक्ताओं को मिल रहा है या नहीं। सरकार को कई जगहों से शिकायतें मिल रही थी कि खाद्य तेल की लागत घट गई है, मगर कंपनियों ने अधिकतम खुदरा मूल्य और वितरण मूल्य को यथावत बनाए रखा है।

हालांकि जांच के दौरान अधिकतर कंपनियों ने बताया कि उन्होंने पहले ही एमआरपी कम कर दी है। आगे भी जैसे-जैसे सस्ता कच्चा तेल आएगा, कीमतें और घटेंगी। सरकार ने पाया कि कुछ ब्रांडों ने पहले ही तेल के दाम कम कर दिए हैं। इससे आने वाले समय में खुदरा स्तर पर और सस्ता तेल मिल सकता है।

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