राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को खराब चावल की आपूर्ति करने के मामले की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) करेगी। प्रारंभिक जांच में उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा से कम चावल दिए जाने के साथ उसकी क्वालिटी खराब होने की पुष्टि होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।वेंकैया की जीत से जश्न में डूबे भाजपाई, मनाई दिवाली…
प्रदेश में योजना के अंतर्गत लगभग 11 लाख कार्डधारकों को 15 रुपये प्रति किलो की दर से 10 किलो चावल दिया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद प्रदेश में बड़ी संख्या में राशनकार्ड धारक सस्ते अनाज से वंचित हो गए थे। ऐसे राशन कार्डधारकों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने अक्तूबर 2015 में राज्य खाद्य योजना का आगाज किया था।
इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को पांच रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और नौ रुपये प्रति किलो की दर से चावल वितरित किया जाता था। इस योजना का लाभ ऐसे राशनकार्ड धारकों को मिलता है जिनकी वार्षिक आमदनी पांच लाख रुपये तक है।
इस योजना के तहत सस्ता राशन उपलब्ध कराने में प्रदेश सरकार भारी भरकम सब्सिडी का वहन करती है। दिसंबर 2016 से इस योजना के तहत अनाज का वितरण बंद था। विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार ने इस योजना को जारी रखने का फैसला लिया था, लेकिन गेहूं और चावल की कीमतों में वृद्धि कर दी थी।
26 अप्रैल की कैबिनेट मीटिंग में राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले चावल का मूल्य नौ से बढ़ाकर 15 रुपये और गेहूं की कीमत पांच से बढ़ाकर 8.60 रुपये प्रति किलो कर दिया गया था। मई माह से उपभोक्ताओं का चावल और गेहूं का वितरण किया जा रहा है।
इस योजना के तहत वितरित किए जाने वाले चावल की क्वालिटी खराब होने की शिकायत शासन को मिली थी। साथ ही यह जानकारी भी सामने आई थी कि उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा से कम चावल दिए जा रहे हैं। सीएम ने इस मामले की प्रारंभिक जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले में एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत राशनकार्ड धारकों को निर्धारित मात्रा से कम और घटिया चावल वितरित जाने की शिकायत प्रारंभिक जांच में सही पाई है। पूरे मामले की एसआईटी जांच कराने के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।