खुद को मुख्यमंत्री का सलाहकार बता दहेज उत्पीड़न के प्रकरण में पुलिस कप्तान पर दबाव बनाने वाले ‘नटवरलाल’ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गैंग में शामिल उसके दो और साथी भी हत्थे चढ़े हैं। इनके कब्जे से तीन लग्जरी वाहन भी बरामद हुए हैं। एएसपी विश्वजीत श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में बताया कि लखनऊ के हुसैनगंज थानाअंतर्गत सर्वपल्ली मॉल ऐवेन्यू में मुख्य आरोपित सैय्यद नसर नफीस उर्फ साहिल का फ्लैट है। इसने खुद को सीएम का ओएसडी बता एसपी श्लोक कुमार को फोन करके दहेज उत्पीड़न के मामले में दुष्कर्म की धारा बढ़ाने अन्यथा की स्थिति में शहर कोतवाल को हटाने की बात कही थी।
शक होने पर जांच कराई गई तो लखनऊ के आलमनगर निवासी डॉ. सलीम पकड़ में आया, जिसने साहिल से कप्तान को फोन कराया था। 31 जनवरी को डॉ. सलीम को जेल भेज दिया गया। सरगना की धरपकड़ के लिए शहर कोतवाल अतुल कुमार सिंह और एसओजी प्रभारी अमरेश त्रिपाठी को लगाया गया। बुधवार की रात उसे उसके फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित की निशादेही पर लखनऊ के तेलीबाग निवासी प्रदीप शुक्ल और टिकैत राय तालाब, राजाजीपुरम के मो. शादाब को पकड़ा गया। इनके पास से बीएमडब्ल्यू, एक्सयूवी और मर्सिडीज गाड़ियां बरामद हुई हैं।
ये है मामला
आलमनगर में निजी अस्पताल चलाने वाले डॉ. सलीम के बहन की शादी करीब दस वर्ष पहले रायबरेली शहर के तेलियाकोट में हुई थी। उसकी ससुरालीजनों से अनबन चल रही थी। इसी प्रकरण में रिपोर्ट लिखकर कार्रवाई करने के लिए 22 जनवरी को पहली बार साहिल ने एसपी को 9454400588 नंबर से काॅल की। यह नंबर उसने अपने नौकर के नाम ले रखा है। रिपोर्ट लिख गई। 30 जनवरी को फिर से एसपी को फाेन करके दुष्कर्म की धारा बढ़ाने का दबाव बनाया।
न्यूज पोर्टल का सहारा
मुख्य आरोपित साहिल पहले भी फर्जीवाड़ा करने के आरोप में जेल जा चुका है। उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी हो चुकी है। पुलिस से बचने और पैठ बनाने के लिए उसने न्यूज पोर्टल की आड़ ली। बताते हैं कि लखनऊ में बैठे पुलिस के कई उच्चाधिकारियों से उसके गहरे ताल्लुकात हैं। पूर्व की सरकार में कई विभागों में उसकी तूती बोलती थी, तभी उसने भौकाल बना रखा था। घर के बाहर बड़ी सी नेम प्लेट भी लगा रखी थी।