पिछले वर्ष जब बिक्री शुरू ही हुई थी, तभी लाकडाउन की घोषणा हो गई थी। इसके चलते एसी व फ्रिज का कारोबार काफी प्रभावित हुआ था। अनलाक के दौर में जब इनकी बिक्री दोबारा शुरू हुई तब गर्मी जाने में चंद दिन शेष थे। लिहाजा, पिछला वर्ष इस रेफ्रिजरेटर उद्योग व इससे जुड़े व्यापारियों के लिए काफी खराब गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। मौसम में गर्माहट आने लगी है तो एयरकंडीशनर और फ्रिज की मांग बढ़ी है। यह मांग उत्साह बढ़ाने वाली है। स्थिति यह है कि मांग अचानक बढ़ने के साथ एक माह में ही इनके दामों में 10 से 15 फीसद की वृद्धि दर्ज की जा रही है।
बाजार से जुड़े लोगों के मुताबिक इसके पीछे चीन से एसी व फ्रिज के कलपूर्जो का मांग से कम आना तथा उत्पादन पर कोरोना का प्रभाव रहना है। इसकी वजह से कंपनियां ही मांग बढ़ाकर उत्पाद बाजार में उतार रही हैं। अंदेशा है कि मांग बढ़ने के साथ ही आने वाले महीनों में दाम में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। विशेष बात यह है कि विंडो की जगह स्पिलट एसी की मांग अधिक है। इसी तरह डीप फ्रिज की मांग बढ़ी है।
इसके पीछे बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना काल में दूसरे कारोबार में मंदी का असर तथा नौकरियां जाने से काफी लोगों ने खाने-पीने की दुकानें खोलने की तरफ रुख किया है। उसका सीधा असर डीप फ्रिज की मांग पर दिख रहा है। अन्य वर्षों के मुकाबले यह वृद्धि 20 प्रतिशत से भी अधिक है।
मांग बढ़ने से उत्साहित
रेफ्रिजरेशन एयरकंडिश¨नग ट्रेडर्स एसोसिएशन दिल्ली के संयुक्त महासचिव मनीष सेठ कहते हैं कि पिछला वर्ष काफी खराब गया था, लेकिन यह सीजन अच्छा जाने की उम्मीद है। इसके संकेत एसी व फ्रिज की बढ़ती मांग से मिल रहे हैं। ज्यादातर लोग स्पिलट एसी खरीदने पर जोर दे रहे हैं। 1.5 टन की एसी 23 हजार से शुरू होकर 40 हजार रुपये तक में है। इनमें बिजली की बचत के लिए लोग तीन स्टार से पांच स्टार पर जोर दे रहे हैं। इसी तरह यूबी फिल्टर एसी से संक्रमण का खतरा रोकने का दावा होता है तो कुछ खरीदार उस ओर रुख कर रहे हैं।