गुजरात में भाजपा हिमाचल की तर्ज पर वोटिंग से ऐन पहले जातीय समीकरण को देखते हुए किसी पटेल को सीएम प्रत्याशी घोषित कर सकती है. उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल इस पद के लिए माकूल माने जा रहे हैं. पार्टी ने पटेल वोटरों को रिझाने की कोशिश के तहत इस दिशा में सोचना शुरू किया है. मौसम की मार से बाजार में मची हडकंप, सब्जियां महंगी, कहां है सरकार?
मौसम की मार से बाजार में मची हडकंप, सब्जियां महंगी, कहां है सरकार?
गुजरात में विधानसभा के लिए पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को होगी. 7 दिसंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होगा. अभी तक के चुनाव प्रचार में पटेल इलाकों में भाजपा की रैली सामान्य ही रही है.पीएम की रैली में भीड़ तो जुट रही है लेकिन भीड़ में उत्साह की कमी भाजपा साफ महसूस कर रही है. पिछले चुनाव चाहे वह 2007 के रहे हों या 2012 के मोदी की रैली में लोगों का उत्साह देखने लायक होता था. दूसरी तरफ कांग्रेस भी पटेल इलाकों में इस बार काफी प्रभावी दिख रही है.
हार्दिक पटेल को प्रताड़ित करने का आरोप कांग्रेस लगा रही है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा ने पटेल वोटरों और नेताओं को हमेशा दरकिनार किया है. चाहे वह केशूभाई पटेल रहे हों, चाहे आनंदीबेन पटेल या फिर नितिन पटेल ही क्यों नहीं भाजपा ने इन्हे दोयम दर्जे पर ही रखा. आनंदीबेन पटेल की कुर्सी ले ली. नितिन पटेल को आखिरी वक्त में सीएम नहीं बनने दिया गया. इस तरह के आरोप से भाजपा को मुश्किल पेश आ रही है.
सूत्रों का कहना है कि इन परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद भाजपा में यह सोच बन रही है कि पटेल वोटर जो भाजपा के साथ हैं उनमें उत्साहवर्धन के लिए और जो पटेल वोटर जो भाजपा से छिटकने की कगार पर हैं उन्हे एकजुट करने के लिए यह संकेत दिया जाए कि चुनाव के बाद सत्ता की कमान पटेलों के हाथों में ही रहेगी. इसके लिए जरूरी है कि प्रथम चरण के वोटिंग से पहले किसी पटेल प्रत्याशी को सीएम प्रत्याशी घोषित कर दिया जाए. इसके लिए नितिन पटेल पहली पसंद माने जा रहे है.
गौरतलब है कि भाजपा इस रणनीति को हिमाचल में लागू कर चुकी है जब चुनावी रैली से प्रेम कुमार धूमल को सीएम प्रत्याशी घोषित कर राजपूत वोटरों को साधने की कोशिश की गई.
गोवा चुनाव में हालांकि मनोहर पर्रीकर को प्रत्याशी तो घोषित नहीं किया गया था लेकिन प्रेस ब्रीफिंग और आम सभाओं के जरिए परोक्ष रूप से पर्रीकर को सीएम प्रत्याशी बताया जा रहा था. गोवा चुनाव के बाद भाजपा ने अपनी समीक्षा में यह पाया था कि यदि पर्रीकर को पहले ही गोवा का सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया जाता तो शायद पार्टी अपने दम पर बहुमत पा सकती थी.
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए गुजरात में बड़े बहुमत के लिए पटेल चेहरे को उम्मीदवार बनाने की दिशा में पार्टी ने सोचना शुरू किया है.
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