आखिरकार, इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गईं। गोरखपुर-वाराणसी रेलमार्ग पर भी इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ने लगीं। सोमवार को 09089 अहमदाबाद-गोरखपुर स्पेशल एक्सप्रेस पहली यात्री इलेक्ट्रिक ट्रेन के रूप में चलाई गई। स्थिति सामान्य होने पर इस रूट की सभी ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जाएंगी।
अहमदाबाद-गोरखपुर स्पेशल वाराणसी से सुबह 3.20 बजे रवाना होकर 8.00 बजे गोरखपुर पहुंची। लोको पायलट चन्द्र भूषण तथा मुख्य लोको इंस्पेक्टर विक्रम इस ट्रेन को लेकर भटनी-देवरिया के रास्ते गोरखपुर पहुंचे।हालांकि, इसके पूर्व 14 अगस्त को प्रयागराज-कुसम्ही के बीच मालगाड़ी चलाई गई थी। मालगाड़ी को लेकर लोको पायलट उपदेश सिंह और मुख्य लोको इंस्पेक्टर सीएल निर्मल कुसम्ही पहुंचे थे। यहां जान लें कि बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-कप्तानगंज और छपरा-बलिया-वाराणसी रूट पर पहले से ही इलेक्ट्रिक ट्रेनें चल रही हैं।
दस को सीआरएस ने किया था स्पीड ट्रायल
भटनी-औंड़िहार 125 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण जून में ही पूरा हो गया था। 10 अगस्त को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने इस मार्ग पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल और रेल लाइन का निरीक्षण किया था। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद इस रेल लाइन पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने लगी हैं।
पूरा हो चुका है दो हजार किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण
पिछले कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर रेलवे में विद्युतीकरण के कार्य में तेजी आई है। वर्ष 2016-17 में 159.20 किमी, 2017-18 में 167.14 किमी तथा 2018-19 में 431.23 किमी रेल खण्ड का विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे में अभी तक दो हजार किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।
गोरखपुर-नौतनवां व बढ़नी-गोंडा रूट पर भी विद्युतीकरण शुरू
गोरखपुर-आनंदनगर-नौतनवां तथा बढ़नी-गोंडा रेलमार्ग का भी विद्युतीकरण शुरू हो चुका है। गोरखपुर-नौतनवां रूट पर खंभे लगाने के कार्य शुरू हो चुके हैं। बढ़नी-गोंडा मार्ग पर सर्वे अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में सभी रूटों पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी।
इलेक्ट्रिक ट्रेनों के चलने से ऊर्जा की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण भी संरक्षित होगा। समय पालन में अपेक्षित सुधार होगा। – पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे।