लखनऊ: एक साल से ज्यादा समय से कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद रविवार 17 मार्च 2019 को निधन हो गया। मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद भाजपा से लेकर तमाम दलों के लोगों ने उनको श्रद्घांजलि दी है। मनोहर पर्रिकर का उत्तर प्रदेश से भी पांच सालों का नाता रहा है।
गोवा के सीएम और पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मनोहर पर्रिकर ने गोवा का सीएम रहते हुए कई साल तक मुख्यमंत्री आवास का इस्तेमाल नहीं किया। वह खुद के घर में ही रहते थे। पर्रिकर की छवि लोगों के बीच एक ईमानदार नेता के रूप में आज भी बनी हुई हैण्। वह वर्ष 2000 में गोवा के सीएम बने थे।
मनोहर पर्रिकर के साधारण व्यक्त्वि का हर कोई कायल था। गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए पर्रिकर कई बार विधानसभा जाते समय सरकारी गाड़ी को छोड़कर स्कूटर का इस्तेमाल करते थे। इसके साथ ही वह बिना सुरक्षा के किसी भी टी स्टॉल पर खड़े होकर चाय पीते भी नजर आ जाते थे। पर्रिकर की यह आदतें गोवा के लोगों के लिए एक आम बात थी। वहीं सीएम और रक्षा मंत्री रहते हुए उनकी छवि एक बेदाग नेता की रही। पर्रिकर की इसी बेदाग छवि के कारण ही पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें रक्षा मंत्री बनाया था।
पर्रिकर नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 तक केंद्रीय रक्षामंत्री रहे थे। मनोहर पर्रिकर अपनी साधारण वेशभूषा के लिए भी जाने जाते थे। पर्रिकर आमतौर पर शर्ट.पैंट में नजर आते थे। जब तक किसी बड़ी ऑफिशियल मीटिंग में न जाना हो वह साधारण कपड़े पहनना ही पसंद करते थे। अपने बेटे की शादी में में पर्रिकर हाफ शर्ट, साधारण पैंट और सैंडिल पहने लोगों की आवभगत कर रहे थे। वहीं मनोहर पर्रिकर को सोलह से अठारह घंटे काम करने की आदत थी।
बेहद अनुशासित और सख्त प्रशासक माने जाने वाले मनोहर पर्रिकर को मार्च 2012 में पर्यटन मंत्री मातनही सलदन्हा के निधन पर फूटफूट कर रोते देखा गया था। पर्रिकर विमान में हमेशा ही इकॉनमी क्लास में यात्रा करते थे। उन्हें आम लोगों की तरह अपना सामान लिए यात्रियों की लाइन में खड़े देखा जा सकता था। वह मोबाइल और टेलीफोन के बिल का भुगतान अपनी जेब से करते थे। उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बेझिझक इस्तेमाल करते देखा जाता था। मनोहर पर्रिकर का यूपी का से भी पांच साला पुराना रिश्ते था। उनको नम्बर वर्ष 2014 में यूपी में राज्सभा के लिए एमपी चूना गया था। इसके बाद वर्ष 2015 में मनोहर पर्रिकर ने अमेठी के बौरोलिया गांव में गोद भी लिया था।