नोटबंदी के बाद काले धन पर दनादन छापेमारी में बरामद हो रही भारी भरकम नकदी को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में इसे रखने की सीमा तय कर सकती है।ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि कैश में नहीं रख पाएगा। बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय इस संबंध में कई विकल्पों पर विचार कर रहा है और इसकी घोषणा जल्द की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि विगत में इस संबंध में कई सुझाव आए हैं। लेकिन नोटबंदी के बाद जिस तरह बड़ी संख्या में नकदी पकड़ी जा रही है, उसे देखते हुए इसे रखने की सीमा तय करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
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नकदी की सीमा तय करने के लिए आयकर कानून 1961 में जरूरी संशोधन किए जा सकते हैं। इस दिशा में कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई है। आठ नवंबर को नोटबंदी के एलान के बाद से 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। इसमें 80 करोड़ रुपये नई करेंसी में है। इससे पता चलता है कि लोगों ने पुरानी करेंसी पर प्रतिबंध लगने के बाद नए नोट जमा करना शुरू कर दिया है। इसलिए जरूरी है कि नकदी रखने की एक सीमा तय की जाए।