किसी भी पेड़ में आग लगे और उसकी एक भी पत्ती न झुलसे यह घोर आश्चर्यजनक बात है। कुछ ऐसा ही कल शक्तिपीठ के रूप में ख्यातलब्ध मां शीतला धाम कड़ा में गंगा किनारे हनुमान घाट के पास एक नीम का पेड़ में लगी आग के बाद हुआ।
दोपहर में पेड़ में लगी आग के बाद एक भी पत्ती का न झुलसना अचरज का सबब बन गया। लगभग खोखले हो चले इस पेड़ की टहनियों से कल दोपहर आग निकलने लगी लेकिन, पत्तियां और टहनियां जस की तस हैं। यहां पर आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी पहुंची। गाड़ी का पानी समाप्त हो गया, लेकिन पेड़ से निकल रहीं लपटें बुझ नहीं सकीं।
जहां यह पेड़ है वहां कुछ वर्ष पहले श्मशान घाट था। कल सुबह कुछ लोगों ने यहीं अंतिम संस्कार के लिए बने स्थल से कुछ दूर हटकर बाबा की कुटी के सामने शव जला दिया। इसी घाट पर एक तरफ कुटी बनाकर कई वर्ष से रह रहे बाबा रामदास के विरोध जताए जाने पर अंत्येष्टि करने पहुंचे लोगों ने कहा था कि वह स्थल साफ कर देंगे। शव जलाने के बाद स्थल को साफ कर वह सभी लोग घर चले गए।
यह पेड़ अंदर से खोखला है। पिछले दिनों उसकी एक टहनी टूटकर गिर गई और जमीन पर पड़ी थी। कल दोपहर उसमें लगी आग लोगों ने देखी तो अवाक रह गए। फिर देखा कि खोखले पेड़ की टहनियों से भी आग निकल रही हैं लेकिन कुछ भी झुलस नहीं रहा है। हरी पत्तियां जस की तस हैं।
यह बात जंगल में आग की तरह फैली। आनन फानन सैकड़ों लोग जुट गए। कुछ लोगों ने फायर स्टेशन पर सूचना दी तो प्रभारी संजय तिवारी सहकर्मियों संग वहां आए। दमकल कर्मियों के घंटों प्रयास के बावजूद आग जलती रही। थक हारकर फायर ब्रिगेड की टीम लौट आई। रात नौ बजे तक आग की लपटें यहां साफ दिख रही थीं।
फायर स्टेशन प्रभारी संजय तिवारी ने क्षेत्रीय वन अधिकारी धर्मेंद्र कुमार को इसकी सूचना दी। वह भी सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंचे और बिना धुएं आग उगल रहे नीम के पेड़ को देखकर हतप्रभ रह गए।
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