अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव, फेड द्वारा रेट रिवाइज करने की संभावना, ग्लोबल तथा भारतीय वित्तीय बाजार में उथल-पुथल, भारतीय इकोनॉमी की तेज ग्रोथ रेट और अच्छे मानसून को देखते हुए सोने में निवेश को अभी सबसे सुरक्षित माना जा रहा है। यही वजह है कि शनिवार यानी 5 नवंबर को सोना एक महीने के शिखर 30150 रुपए प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। और माना जा रहा है कि वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए कीमतें और बढ़ेंगी।

स्टॉक में करेक्शन
घरेलू इक्विटी मार्केट अभी अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर है। जैसी की उम्मीद थी, अब इसमें करेक्शन आना शुरू हो गया है। इससे गोल्ड के और चमकने की संभावना है। दूसरी तरफ आर्थिक विकास दर लगातार बढ़ रही है, इसका भी सोने पर असर दिखने लगा है।
बढ़ेंगी सोने की कीमतें
अधिकांश कमोडिटी एक्सपर्ट का मानना है कि अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद फेड कम से मध्यम अवधि के लिए अपनी ब्याज दरों को बढ़ा सकता है। अगर ऐसा होता है तो अच्छी संख्या में फॉरेन इन्वेस्टर्स भारतीय स्टॉक मार्केट से बाहर का रुख कर सकते हैं। ऐसे में निवेशक गोल्ड की तरफ रुख करेंगे और उसकी कीमतों में और इजाफा होगा। विकसित देशों में ग्रोथ रेट कम है और वे निगेटिव इंटरेस्ट रेट जोन में जा रहे हैं।
इसका भी पॉजिटिव असर गोल्ड पर होगा। फेस्टिव सीजन अभी जारी है। शादी-विवाद का भी सीजन आ चुका है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग सोना खरीदते हैं। इन सबके अलावा जो लोग सुरक्षित निवेश चाहते हैं, वे स्टॉक की जगह सोने में निवेश करना ही पसंद करते हैं। सोने में निवेश के साथ फ्लेक्सिबिलिटी भी है, जो अधिकांश एसेट क्लास में नहीं है। इसे कभी भी पिघलाया और जरूरत पडऩे पर बेचा जा सकता है।
कितना मिला रिटर्न
पिछले 10 वर्षों में गोल्ड ने रुपए में लगभग 13 फीसदी का सीएजीआर रिटर्न और 15 वर्षों में 15 फीसदी रिटर्न दिया है। पिछले 3 वर्षों में निगेटिव रिटर्न के बाद एक बार फिर इस साल पॉजिटिव रिटर्न मिला है। फेस्टिवल के दौरान सोने की बिक्री में इस बार लगभग 20 फीसदी बढ़ी है।
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