आज कल भारत देश जिस तरह से कामयाबी हासिल कर रहा है उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि एक दिन भारत हर चीज़ में नंबर वन देश बन जायेगा .ब्र्हलाल अगर हम भारतीय व्यापर की बात करे तो भारत ने सागरमाला परियोजना के द्वारा बंदरगाहों के विकास और उसके कारोबार में घरेलू उत्पाद के मामले में चीन देश को भी पीछे छोड़ दिया है .

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भारत ने चीन को छोड़ा पीछे.. अगर आप इस व्यापर में होने वाले आंकड़ो को देखे तो उसके अनुसार बंदरगाह से होने वाले व्यापार में भारत देश की जीडीपी 19 फीसदी तक पहुँच चुकी है, जबकि चीन अभी तक 12.5 फीसदी तक ही सिमटा हुआ है . वैसे मंत्रालय के एक अधिकारी की माने तो वर्तमान समय में दुनियाभर के तमाम बंदरगाह घाटे के दौर से ही गुजर रहे हैं . केवल भारत ही अकेला देश है ,जहां बंदरगाहों ने 12 .6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 6 हजार करोड़ का मुनाफा सरकारी खजाने में जमा किया है .
इतने फीसदी हो चुका है भारत का हर साल का टन ..साथ ही अधिकारी का ये भी कहना है कि सागरमाला परियोजना ने भारत देश में माल ढुलाई का पूरा मॉडल ही बदल कर रख दिया है . बंदरगाहों और उन तक आरामदायक रेल और सड़क संपर्क मार्ग की बुनियादी सुविधाओं में सस्ती माल ढुलाई ने ही समुद्री कारोबार के आर्थिक घाटे को मुनाफे में बदलना शुरू कर दिया है . मंत्रालय के अधिकारी ने खुद कहा कि सागरमाला परियोजना के तहत साल 2025 तक माल ढुलाई में 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक की बचत कर के बंदरगाहों का मुनाफा और ज्यादा बढ़ाने की कोशिश चल रही है और यही हमारा लक्ष्य है , इसके इलावा जहाज़रानी मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार सागरमाला परियोजना के द्वारा कोयले की आवाजाई को साल 2025 तक हर साल 27 लाख टन से बढ़ाकर 129 मिलियन टन तक करने का लक्ष्य तय किया गया है . इस कार्य के लिए तटीय मार्गों और नदियों के जलमार्गों को विकसित करने की भी तैयारी चल रही है . मंत्रालय के अधिकारियों की माने तो इन नदियों के जलमार्गों से होने वाली माल ढुलाई, सड़क और रेल परिवहन से 70 फीसदी सस्ती पड़ती है .
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वैसे हमारे देश की ऐसी परियोजना देख ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत देश बहुत जल्द हर चीज़ में और हर उत्पाद में नंबर वन देश बन जायेगा .
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