चीन के एक सरकारी अखबार के संपादकीय में सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा गया है कि इससे पहले कि हालात और बिगड़ जाएं और भारत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ें वो डोकलाम से अपने सैनिक हटा ले. अखबार लिखता है कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता के मामले में किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा.
गौरतलब है कि डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है. चीन का सरकारी मीडिया इस तनाव में लगातार भारत के खिलाफ जहर उगलने में लगा है और ये ताजा संपादकीय उसी की एक कड़ी है.
चीनी थिंक टैंक कश्मीर में सेना भेजने के पक्ष में
इससे पहले चीनी विचार समूह के एक विश्लेषक ने रविवार को कहा कि जिस तरह भूटान की ओर से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क निर्माण से चीनी सेना को भारतीय सेना ने रोका, उसी तर्क का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के आग्रह पर कश्मीर में ‘तीसरे देश’ की सेना घुस सकती है.
चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवसर्टिी में भारतीय अध्ययन केंद्र के निदेशक लांग जिंगचुन ने ‘ग्लोबल टाइम्स ‘ में लिखे अपने आलेख में कहा है, ‘अगर भारत से भूटान के क्षेत्र को बचाने का आग्रह किया भी जाता है तो यह उसके स्थापित क्षेत्र तक हो सकता है, विवादित क्षेत्र के लिए नहीं.’