जनता दल यूनाइटेड का चुनाव चिन्ह तीर आखिर किसका है? जेडीयू का एक गुट जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं और बागी गुट जिसका नेतृत्व राज्यसभा सांसद शरद यादव कर रहे हैं, दोनों गुट तीर निशान पर अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं...तो इसलिए अंडरग्राउंड ट्रैक पर स्प्रिंग पर दौड़ेगी लखनऊ मेट्रो
नीतीश कुमार खेमा और शरद यादव खेमा दोनों ने चुनाव आयोग में एक बार फिर से अर्जी दायर की है और तीर निशान के ऊपर अपना दावा ठोका है. इसको लेकर सोमवार को दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय में दोनों गुटों के नेताओं और वकीलों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी अपनी दलील रखें मगर चुनाव आयोग ने कोई फैसला नहीं लिया. इस पूरे मामले को लेकर आज फिर चुनाव आयोग में सुनवाई होगी.
जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार गुट और शरद यादव गुट को मंगलवार शाम 4:30 बजे फिर से चुनाव आयोग में बुलाया गया है.
बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने और नीतीश कुमार के वापस NDA में जाने के बाद से ही शरद यादव ने पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया था और जेडीयू पर अपना दावा ठोका था. इसको लेकर पहले भी शरद यादव गुट ने चुनाव आयोग में पहुंचकर अपने खेमे को असली जेडीयू के रूप में मान्यता देने की गुहार लगाई थी मगर चुनाव आयोग ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया था. चुनाव आयोग ने उस वक्त नीतीश कुमार गुट को ही असली जेडीयू के रूप में मान्यता बरकरार रखी थी.
गौरतलब है कि शरद यादव के बागी तेवर अपनाने के बाद जेडीयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की है जिस पर फैसला आना अभी बाकी है.