छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय परिसर से संबद्ध कालेजों व छात्रों की फाइलें अब गुम नहीं होंगी। विवि इनके रखरखाव को ई-आफिस साफ्टवेयर के जरिए करेगा। किसी भी समय जरूरत पडऩे पर तत्काल इन्हेंं खोजा जा सकेगा। मंगलवार को कुलपति प्रो. विनय पाठक ने आइटी टीम के साथ बैठक करके इसकी रूपरेखा तैयार की और इसे लागू करने के निर्देश दिए।
ई-आफिस स्थापित होने से न केवल फाइलें लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगी, बल्कि फाइलों के निस्तारण में भी देरी नहीं होगी। फाइलें गुम भी नहीं होंगी, क्योंकि ये पता रहेगा कि फाइल असल में है कहां पर। कुलपति प्रो. विनय पाठक के मुताबिक इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और लागत भी बचेगी। बता दें कि विवि परिसर में 50 से अधिक प्रोफेशनल कोर्स संचालित हैं। इसके अलावा सीएसजेएमयू से आठ सौ डिग्री कालेज संबद्ध हैं। कई बार मान्यता व संबद्धता से संबंधित फाइलें नहीं मिलती हैं। ऐसे में कालेज प्रबंधन को विवि के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
शिक्षक व छात्रों के प्रपत्रों को तलाशना होगा आसान : शिक्षक व छात्रों के प्रशासनिक कार्य भी कई बार इतने पेचीदा होते हैं कि कई प्रपत्र लगाकर मोटी फाइल तैयार हो जाती है। यदि इसमें से एक भी प्रपत्र गुम होता है तो दोबारा प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती है। ई-आफिस एक ऐसा साफ्टवेयर है, जो अनगिनत फाइलों को संजोकर रख सकता है।
सीएसजेएमयू कर्मचारियों के लिए 50 करोड़ का फंड : विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को अब वित्तीय संकट से दो चार नहीं होना पड़ेगा। पेंशन बनने में देरी व वित्तीय जरूरत के समय कार्पस फंड उनका साथी होगी। कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक ने मंगलवार को बैठक के दौरान विवि में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 50 करोड़ के इस फंड को स्वीकृति प्रदान की। वित्त समिति में पास होने के बाद कुलपति ने इसी वर्ष से यह फंड लागू किए जाने के आदेश दिए हैं। विवि में कार्यरत करीब 500 कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए कैशलेस मेडीक्लेम पालिसी की सुविधा भी होगी। सभी शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को इस पालिसी का फायदा दिया जाएगा। कर्मचारियों के चिकित्सा प्रतिपूर्तिभत्ते को सात हजार से 10 हजार रुपये कर दिया गया है।
बैठक में कर्मचारियों के प्रोन्नति संबंधित प्रकरणों का निस्तारण भी कर दिया गया। प्रो. पाठक ने बताया कि भविष्य में किसी भी तरह की प्रोन्नत संबंधी प्रकरणों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाएगा। इसके लिए व्यवस्था बना दी गई है। बैठक में वित्त अधिकारी साधना श्रीवास्तव, कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव, विश्वविद्यालय कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष द्विवेदी, महामंत्री विनय कुमार, कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष मनीष चौबे, नीरज सिंह समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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