जनरल बक्शी अपनी बेबाक़ राय के लिए जानें जाते हैं। जबवो बोलते हैं तो उनके ज़हन में केवल अपना देश होता है। बक्शी ने हाल ही में कोंग्रेस पार्टी पर बड़ा इल्ज़ाम लगाया है, कि अगर सेना नहीं होती तो देश के कई टुकड़े कोंग्रेस पार्टी दुश्मन देशों को दे देती, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सियाचिन समेत कई हिस्से छोड़ने और दुश्मन को देने का मन बना लिया था वो तो सेना ने विरोध किया जिससे कांग्रेस बैकफूट पर आ गयी थी।
जनरल बक्शी ने ये बातें पत्रिका को दिए गये इंटरव्यू में कही। उन्होंने खुलकर सर्जिकल स्ट्राइक की सराहना की। उन्होंने ये भी कहा कि 10 साल की UPA सरकार में सेना का मनोबल बुरी तरह से टूट चुका था और पाकिस्तान को अपनी मनमर्ज़ी की छूट मिली हुई थी।
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उन्होंने यह भी कहा कि अब स्थिति बदल चुकी है, 2000 से 2003 के बीच सेना के लिए अच्छा समय था, उस समय कड़ाई से जवाब दिया जाता था और पाकिस्तान ही सीज फ़ायर के लिए भारत के सामने गिड़गिड़ाया था। लेकिन जनरल मूसरफ के भारत आने के बाद चीज़ें बदल गयी।
इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान विस्फोट करता रहा और हम बातचीत की भाषा ही बोलते रहे। उन्होंने आँकड़ों में बताते हुए कहा कि पाकिस्तान और उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की वजह से 70 हज़ार से ज़्यादा आम भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं जिनका कोई भी क़ुसूर नहीं था और क़रीब 10 हज़ार के क़रीब वीर सैनिक शहीद हो चुके हैं। उन्होंने ग़ुस्से से पूछा–क्या इनकी जानों की कोई क़ीमत नहीं, क्या हम हाथ पर हाथ धरकर बैठे रहें और शांति की बातें करते रह जाएँ?
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जनरल बक्शी ने फ़र्ज़ी सर्जिकल स्ट्राइक वाले संजय निरुपम के बयान पर उन्हें ख़ूब खरी खोटी सुनाई उन्होंने कहा कुछ लोगों को पच नहीं रहा कि “प्रेस कॉन्फ्रेंस” क्यूँ की गयी क्यूँ देश का मनोबल बढ़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बताया गया? उन्होंने कहा-“अरे सेना का काम है वो नहीं करेगी तो कौन करेगा आपकी सेना २०० किलोमीटर के दायरे में एक साथ 7 जगह दुश्मन को मारकर आती है और आप सवाल उठाते हो आपको गर्व की अनुभूति नहीं होती?” संजय निरुपम को अपनी सेना की बजाय पाकिस्तान पर विश्वास है।
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