कुछ राज्यों में मल्टीप्लेक्स की ओर से स्क्रीनिंग नहीं करने के बावजूद संजय भंसाली की फिल्म पद्मावत सिनेमाघरों में चल रही है. फिल्म में वैसे तो सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है, लेकिन रानी पद्मावती का किरदार निभाने वाली दीपिका पादुकोण का क्या कहना? जौहर के सीन में दीपिका ने तमाम कशमकश को बखूबी निभाया है.
सीन के दौरान पद्मावती के दिमाग में क्या हलचल थी, उसने कैसे आन-बान-शान के लिए जौहर का फैसला लिया, कैसे एक ऐसे मुश्किल युद्ध में पति को भेज रही हैं, जिसके बाद पति का लौटना लगभग असंभव.
फिल्म के दौरान शाहिद कपूर के साथ दीपिका के ये सीन क्लासिकल रोमांटिक नजर आते हैं. यहां दीपिका अपनी आंखों के सहारे सबकुछ कहती नजर आती हैं. उस सीन के दौरान उनकी आँखों की गति देखते ही बनती है जब वो रेशम के कपड़े पर पति के हाथों की छाप ले रही हैं. वो एक निश्चित अंत को लेकर दुखी हैं, लेकिन उनकी आंखों में पति के प्रति समर्पण और राजपूतानी गौरव के आंसू भरे हुए हैं. इस दौरान सारे आदेश निर्देश भावुक आंखों से ही बयान किए जाते हैं.
बाद में वो पति के हाथ की छाप वाले इसी कपड़ों को पहनकर जौहर करती हैं. जौहर के दौरान का सीन तो भावुकता का चरम है. ये हाल फिलहाल फिल्मों में बिना शोर-शराबे और आंसुओं का समुद्र बहाए पूरा किया सबसे बेहतरीन सीन माना जा सकता है.
दरअसल, इसके लिए दीपिका को काफी मेहनत भी करनी पड़ी. सीढ़ियों से उतरते हुए, राजपूतानी महिलाओं के साथ अग्नि कुंड की ओर बढ़ना. उस वक्त आग की तपिश से कही ज्यादा तपिश पद्मावती बनी दीपिका की आंखों में होती है. जय भवानी के नारे रानी सा हमारी शान में उनके बलिदान के साथ बदल जाते हैं.
बस रह जाती है खिलजी की अधूरी ख्वाहिश, उन्होंने कुछ इंटरव्यूज में भी इस सीन का जिक्र किया है.
बताते हैं जौहर के सीन को शूट करने के बाद दीपिका पादुकोण खुद कई दिनों तक सदमें में थीं. इस सीन के लिए दीपिका ने काफी मेहनत की. संजय लीला भंसाली ने इसे बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया है.