कूटनीति के माहिर खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत की विदेश नीति दुनिया पर हावी होती दिख रही है. पाकिस्तान और चीन जैसे देशों को भी भारत की कूटनीति के आगे मुंह की खानी पड़ रही है. मोदी की सबसे सफल योग डिप्लोमेसी के आगे दुनिया भर के देशों को झुकना पड़ रहा है.
वह अपनी योग डिप्लोमेसी के जरिए न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मंच पर बल्कि घरेलू राजनीति में भी वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब हुए. नतीजतन इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पाकिस्तान, चीन, जापान और अमेरिका समेत 175 देशों में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए. अब पीएम मोदी खादी डिप्लोमेसी अपनाने के मूड में हैं.
फिलहाल मोदी की योग डिप्लोमेसी को सबसे सफल विदेश नीति के रूप में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने योग डिप्लोमेसी के जरिए विश्व समुदाय को साधने के साथ ही यह साबित करने में सफल रहे कि भारत ही विश्व को शांति की ओर ले जा सकता है. मोदी की योग डिप्लोमेसी को उस समय सबसे बड़ी जीत मिली, जब 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. भारत के इस प्रस्ताव को 193 सदस्य देशों ने मंजूरी दी. इससे भी अहम बात यह रही कि इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है.
योग मनाने को लेकर शुरुआत में मोदी सरकार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन समय के साथ यह कमजोर पड़ता गया. योग डिप्लोमेसी से गदगद पीएम मोदी अब खादी डिप्लोमेसी की ओर कदम बढ़ाने के मूड में हैं. उन्होंने खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान भी शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर जल्द ही मोदी सरकार खादी को अहिंसा के प्रतीत के रूप में पेश करेंगे. बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पीएम मोदी ने बारिश में भी योग किया. इस दौरान उनके साथ तमाम मंत्री और आला अफसर मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान मोदी के चेहरे पर योग दिवस की सफलता की चमक साफ दिख रही थी.