हुर्रियत कांफ्रेंस ने आगामी दिनों में राज्य में होने वाले सभी चुनावों के बहिष्कार का फैसला किया है। साथ ही लोगों से अपील की है कि वे इसमें हिस्सा न लें। यह फैसला बुधवार को हुर्रियत कांफ्रेंस की कार्यकारिणी की हुई बैठक में किया गया। 
बैठक में हुर्रियत (जी) के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीर में फैली अशांति और अराजकता के लिए मुख्यधारा की पार्टियों को कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि हक के लिए लड़ी गई लड़ाई में कभी हार नहीं हुई है।
नेतृत्व रियासत को सही रास्ते पर ले जाने पर विफल रहा। कहा कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और हुर्रियत आजादी के अपने मिशन को आगे बढ़ाएगी। सरकार की दमनकारी और दबावपूर्ण कदमों से हमारा आंदोलन कमजोर नहीं होने वाला है।
बैठक में एनआईए की ओर से गिरफ्तार किए गए कश्मीरी कैदियों के साथ तिहाड़ और अन्य जेलों में उनके साथ बुरा बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया गया। बैठक में हुर्रियत को सामाजिक और राजनीतिक रूप से और अधिक सक्रिय करने का फैसला किया गया।
गिलानी ने कहा कि हमारा मिशन सही रास्ते पर है। बैठक में मोहम्मद रफीक ओवैसी (तहरीक-ए-हुर्रियत), सईद मोहम्मद शफी (पीपुल्स लीग), सैयद इम्तियाज शाह (पीपुल्स फ्रीडम लीग), मोहम्मद शफी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
सेहरई नहीं रहे बैठक में
तहरीक ए हुर्रियत के हाल ही में चेयरमैन बने मो. अशरफ सेहरई बैठक में मौजूद नहीं रहे। इसको लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि चेयरमैन पद पर ताजपोशी से गिलानी तथा सेहरई के बीच दूरियां बढ़ी हैं।
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