शार्क समंदर में सबसे शातिर और तेज शिकारी जीव है. ये अपने तेज धार वाले नुकीले दांतों से नावों तक को तोड़ सकती है. सामान्य रूप से शार्क समंदर में रहने वाली मछलियों तथा अन्य जीवों का ही शिकार करती है. किन्तु कई बार व्यक्ति का शिकार भी कर लेती है. हालांकि, विज्ञानं कहता है कि शार्क मनुष्य से डरती है. परन्तु बीते कुछ सालों में शार्क ने मनुष्य का बहुत शिकार किया है. आखिर इसका कारण क्या है?
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2009 में बिना उकसाये हुए भी शार्क ने पुरे विश्व में लगभग 83 मनुष्यों पर हमला किया. 2013 से 2017 में ये आंकड़ा औसतन ऐसा ही रहा. किन्तु ताजा रिसर्च बताती है कि विश्व के काफी भागों में ये आंकड़ा बढ़ा है. मनुष्य पर शार्क के हमलों की संख्या के केसों में पूर्वी अमरीका तथा दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में पिछले 20 सालों में दोगुना वृद्धि हुई है. हवाई द्वीप के आस-पास भी इस प्रकार के केस बढ़े है.
वही अंतर्राष्ट्रीय शार्क अटैक फाइल का लेखा-जोखा रखने वाले रिसर्चर गैविन नेलर के अनुसार, “अजीब इत्तिफाक है कि शार्क ने जिस क्षेत्र में इंसानों पर वॉर किया है, उस समय समंदर के उस भाग में उपस्थित इंसानों तथा शार्क की संख्या बराबर थी.” किन्तु यहां ये जानना आवश्यक है कि किन क्षेत्र में शार्क इंसान पर हमले अधिक कर रही है. ऑस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अमरीका में बड़ी संख्या में लोग समुद्री लहरों का मजा लेते हैं. स्पष्ट सी बात है, यहीं पर शार्क के वारों के केस भी अधिक हैं. वहीं दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के समंदर में सील मछली की संख्या अधिक है, जो कि शार्क का पसंदीदा शिकार है. लिहाजा यहां ऐसे केस के आंकड़े कम हैं.
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