ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि भगवान को प्रिय होती है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति पर उनकी कृपा बनी रहती है और कभी भी धन की कमी नहीं होती। इसी वजह से एकादशी व्रत को अपार एकादशी व्रत भी कहा जाता है। इस बार एकादशी 22 मई यानि सोमवार को है।
एकादशी व्रत से एक दिन पहले भगवान विष्णु का ध्यान करके एकादशी व्रत का संकल्प लें और अगले दिन सूर्योदय होने से पूर्व स्नान करके भगवान के वामन अवतार और भगवान विष्णु की धूप, दीप नेवैद्य और सफेद फूलों से पूजन करें। पूजन में मौसमी फलों का भोग लगाएं। इस दिन उपवास करें और फलों का दान करें। रात में भगवान नाम का कीर्तन करते हुए जागरण करें। द्वादशी को स्नान करके ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें।
फलदायक होता है ये व्रत
फलदायक होता है ये व्रत
ब्रह्मपुराण के अनुसार एकादशी व्रत करने से पाप नाश होता है और ये व्रत फलदायक भी होता है। इसके साथ ही घर में सुख समृद्घि बनी रहती है। अपरा एकदशी का व्रत करने वाला व्यक्ति के पास धन की कमी नहीं होती।