नींद का अभाव भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 93% भारतीय ज़रूरत से कम नींद निकाल पाते हैं. आपको बता दें कि कई बार नींद न पूरे होने के कारण से हम में ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती हैं जिसके कारण किसी काम को करने के लिए एकाग्रता की कमी होती हैं . 
बदलती जीवन शैली और आधुनिक गैजेट्स के हमारे जीवन में आने से स्थिति और खराब होती जा रही हैं क्योंकि इनके प्रभाव से हम अपनी नींद को पूरा नहीं कर पाते हैं साथ ही इससे हमारे दैनिक जीवन की दिनचर्या पर भी बुरा असर पड़ रहा हैं और तो और इसके कारण अनिद्रा,शरीर में स्फूर्ति की कमी,आँखों के नीचे कालापन,अकेलापन,चिड़चिड़ापन जैसे कई विलक्षण हम में आ जाते हैं .
एक विश्लेषण में 10 लाख से अधिक प्रतिभागियों और 112,566 मौतों के अंतर्गत नींद की अवधि और मृत्यु दर के बीच के संबंध को जाँचा गया. उसमें पाया कि जो लोग हर रात सात से आठ घंटे सोते थे, उनकी तुलना में कम सोने वाले व्यक्तियों में मृत्यु का खतरा 12 प्रतिशत ज़्यादा था अर्थात कम नींद के कारण आपकी जल्दी मृत्यु होने के खतरा भी बढ़ जाता हैं .
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