नोटबंदी को लेकर विरोध का सिलसिला अभी भी जारी है . पर ये विरोध जनता की तरफ से नहीं हो रहा . ये विरोध तो सियासी तौर पर किया जा रहा है . इस बात से तो सब मुखातिर है कि ये नोटबंदी कालेधन को खत्म करने के लिए की गयी है . अगर यू कहा जाये कि देश में काले धन की सफाई का अभियान शुरू हो चुका है , तो कुछ गलत नहीं होगा . यहाँ तक कि कुछ सियासी और आर्थिक जानकार इस फैसले को मास्टर स्ट्रोक का नाम भी दे रहे है .
अब नोटबंदी के फैसले का असर किस पर कैसा होगा इस पर अभी चर्चा हो चल रही है . मगर ये तो तय है कि कुछ विरोधी, जनता की परेशानी का हवाला देकर इस फैसले को गलत साबित करने पर तुले हुए है . वैसे जनता की याददाश्त बहुत कमजोर होती है . इसलिए जब जनता टूजी और कोयला घोटाले को भूल गयी , तो ये नोटबंदी भी भूल जाएगी . इसलिए विरोध करने वाले बस विरोध करते ही रह जायेगे . वही दूसरी तरफ इस फैसले के बाद मोदी का नाम इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो चुका है .
मोदी के फैसले ने खड़े किये सवाल .. इस समय सवाल ये खड़ा किया जा रहा है कि जनता पूरी तरह से परेशान है . साथ ही जनता मोदी के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर कर रही है . पर इस बात में कुछ सच्चाई नजर नहीं आ रही . हालांकि मोदी के विपक्षी ये सोच रहे है कि इसके बाद जनता 2019 में मोदी को वोट नहीं देगी . पर जनता को देख कर ऐसा लग नहीं रहा कि वो मोदी से जरा भी खफा है . ये केवल विपक्षियों की साजिश है . वैसे भी ममता बैनर्जी, राहुल गाँधी और अरविन्द केजरीवाल चीख चीख कर कह रहे है कि अगर नोटबंदी थोड़ी तैयारी के साथ की जाती, तो जनता को इतनी परेशानी न होती . इसलिए मोदी को अपना फैसला वापिस ले लेना चाहिए . इसलिए जनता की तरफ से तो अब तक मोदी पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया गया है .
विरोध करके विपक्षी खुद खोल रहे है अपनी पोल .. उल्टा विपक्षी इस तरह की हरकते करके खुद को ही जनता की नजरों में एक्सपोज़ कर रहे है . जनता को अपनी असली रूप दिखा रहे है . अब जब राजनीतिक दल भृष्टाचारी लोगों का साथ देकर नोटबंदी का विरोध करेगे तो जनता के मन में शक पैदा होना जायज सी बात है . खास करके केजरीवाल जो भृष्टाचार को लेकर इतना आंदोलन कर रहा था , वो भी आज कालेधन वालों को सपोर्ट करता नजर आ रहा है . इसलिए जनता का सबको संदेह की दृष्टि से तो देखना बनता ही है . अब हर विपक्षी यही उम्मीद कर रहा है कि 2014 में जो मोदी लहर चली थी, वो 2019 में खत्म हो जाएगी . पर ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि जनता मोदी से बहुत खुश है . भले ही आज परेशान है, पर कल फिर से मुस्कुराएगी . इसलिए आने वाले लोकसभा चुनावों का हर कोई इंतज़ार कर रहा है . मगर ये तो तय है कि मोदी लहर जब से शुरू हुई है , वो अब तक कायम है और रहेगी .
विश्व स्तर पर हो रही है मोदी के फैसले की तारीफ ..आपको बता दे कि नोटबंदी की तारीफ पूरे विश्व स्तर पर की जा रही है . दरअसल इस फैसले के बाद से अमीर और गरीब का फासला मिट सा गया है . अब जब कोई गरीब किसी अमीर को परेशान देखता है तो उसे बहुत सुकून मिलता है . गरीब तो पहले से ही परेशान है . मगर अब अमीर के बुरे दिन शुरू हुए है . मोदी जी के फैसले के बाद से ही खास और वीआईपी लोग भी परेशान से नज़र आ रहे है . अब आम लोगों की तरह वो भी लाइन में लगे नजर आते है . बस ये बात मोदी जी के पक्ष में जा रही है . अगर सौ बात की एक बात कही जाये तो मोदी जी का पहला राउंड सुपर गया . इसके बाद अगले साल इसका दूसरा राउंड शुरू होगा . अंत में 2019 में फाइनल राउंड होगा . इसका मतलब ये हुआ कि मोदी ने सबसे बड़ा दाव अभी चल दिया है . इसलिए राजनीती का भी एक अलग माहौल बनने लगा है .