बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का बवाल कैंपस मे थम गया हो, लेकिन इस बवाल के पीछे उस पीड़ित लड़की की उस शाम की कहानी जब सामने आई तो जिसने सुना वो गुस्से से भर गया.
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एफआईआर की मूल कॉपी है, जिसे उस लड़की ने अपनी हाथों से लिखा था. उसमें दिल्ली की रहने वाली लड़की के साथ हुए हादसे की वो भयानक तस्वीर भी सामने आ गई. जिस वजह से यह छात्राओं का आंदोलन उठ खड़ा हुआ था.
आखिर क्या हुआ था 22 सितम्बर की शाम जिसके बाद छात्राओं का गुस्सा इस कदर फूटा कि बनारस से लेकर दिल्ली तक हर विश्वविद्यालय कैंपस विरोध में सुलग उठा. ये छेड़छाड़ सिर्फ़ मनचलों की फब्तियों तक सीमित नहीं था बल्कि इसमे BHU कैंपस में शोहदों ने बाकायदा अंधेरे का फायदा उठाकर छेड़छाड़ की और वहां मौजूद गार्ड शिकायत पर उल्टे लड़की को ही नसीहत देते रहे.
देखिए क्या लिखा है उस छात्रा ने जो बाइक सवार दो मनचलों की छेड़छाड़ की शिकार हुई.
सेवा में,
थानाध्यक्ष,लंका वाराणसी,
वाया चीफ प्रॉक्टर बीएचयू वाराणसी,
महोदय,
मैं प्रार्थी बीएफए द्वितीय वर्ष( व्यवहारिक कला विभाग) 6:20 PM भारत कला भवन से गुजर रही थी. मैंने सलवार शूट पहन रखा था. अचानक से दो बाइक सवार मेरे पास आये और अपना हाथ मेरे शूट के अंदर डाल दिए और बाइक तेज करके चले गए. रोशनी कम होने के कारण मैं उनके वाहन का नंबर भी नहीं देख पाई. मैं चिल्लाई थी, वहां के गार्ड चौराहे पर थे. लेकिन किसी भी प्रकार की मेरी मदद नहीं हुई. मैं रोते हुए वहां से अपने दोस्तों के पास गई. जिन्होंने बेहोशी की हालत में मुझे छात्रावास लाया. फिर वे गार्ड से बात करने गए. फिर मौका ए वारदात पर कोई सख्त कदम कोई नहीं उठाया गया. उनका कहना था कि हमने तो कुछ देखा ही नहीं. वो लड़की तो सामने से रोती हुई गुजरी पर उसने कुछ बताया ही नहीं. गलती तुम लड़कियों की है. कौन कहता है 6 बजे के बाद बाहर निकलने को. इस वारदात के बावजूद वे वहां खड़े मुस्कुरा रहे थे. जबकि ये घटना उनसे मात्र दस मीटर की दूरी पर हुई थी. इस घटना को होते हुए एक लड़के ने देखा था. उसने पहचान बताई की पीछे वाले लड़के ने सफ़ेद और लाल रंग की शर्ट पहन रखी थी. जबकि हमारे सुरक्षाकर्मियों ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया.
अंतः इस संदर्भ में कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए ताकि आगे से किसी के साथ ऐसा दुर्व्यहार न हो.
जांच के आदेश
छेड़छाड़ की शिकार इस लड़की का नाम हम नहीं लिख रहे, लेकिन अपनी इस FIR में वो सबकुछ बयां कर गई जो उसके साथ गुजरी थी. बहरहाल पीड़ित लड़की हॉस्टल छोड़कर अपने घर जा चुकी है. लेकिन इस घटना ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को झकझोर दिया है. आलम ये है योगी सरकार बैकफुट पर है और तमाम जांच की बात कर रही है. मुख्यमंत्री योगी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और ताबड़तोड़ कई फैसले भी लिए, लेकिन सरकार को लग रहा है कि बीएचयू कांड उनके गले की फांस बनता जा रहा है. वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्राओं पर लाठीचार्ज मामले में वाइस चांसलर गिरीश चंद्र त्रिपाठी पर गाज गिरी है. सूत्रों के अनुसार उनके सारे अधिकार अग्रिम आदेश तक सीज कर दिए गए हैं. वहीं विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ओंकारनाथ सिंह ने इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद इस्तीफे की पेशकश की है.
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