मुंह के कैंसर आमतौर पर होंठ, जीभ, गालों के अंदर की सतह पर, मसूड़ों में किसी भी तरह की गांठ की तरह होता है, वह कैंसर जो कि मुँह के क्षेत्र में अंदर की तरफ होता है, कोमल तालू में या गले में, उसे ओरल कैंसर नहीं कहते है. ओरल कैंसर यानी मुख का कैंसर, इसमें मुंह के साथ-साथ होंठ और जुबान पर भी इसका असर पड़ता है.

गाल, मुंह के तालु, मसूड़ों और मुंह के ऊपरी हिस्से में होता है और आमतौर पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है. मुंह का कैंसर महिलाओं की तुलना में पुरुषो को अधिक होता है. क्योकि अक्सर ओरल कैंसर ध्रूमपान या तम्बाकू के चबाने से होता है. ओरल कैंसर तम्बाकू जैसे गुटका, पान मसाला चबाने के कारण होता है.
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स्मोकिंग के कारण भी मुंह का कैंसर होता है. शराब का अधिक सेवन से भी लोगों में इसका रिस्क ज्यादा होता है. जिन मरीजों को ओरल कैंसर होता है, उनमें इसोफेगस और फेफड़ों के कैंसर के होने की भी अधिक संभावना होती है.
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