सफेद मोती के बारे में आप सभी ने सुना होगा लेकिन इसके फायदे क्या हैं ये हर कोई नहीं जानता है। आज के आर्टिकल में हम आपको सफेद मोती के फायदों के बारे में और मोती रत्न को धारण करने के लाभों के बारे में बताएंगे। सफेद मोती को पर्ल के नाम से भी जाना जाता है। इसे समुद्र में सीपियों द्वारा बनाया जाता है। ये 8 तरह के होते हैं जिसमें अभ्र मोती, शंख मोती, सर्प मोती, गज मोती, शुक्ति मोती, बांस मोती, शूकर मोती और मीन मोती शामिल हैं। ये चन्द्रमा का रत्न है। इसीलिए इनका इस्तेमाल चन्द्रमा सम्बन्धी दोषों के निवारण के लिए किया जाता है। साथ ही इस रत्न को पहनने से और भी बहुत-सी समस्याओं का निवारण होता है। सफेद मोती को गोल आकार में पहनना सबसे उत्तम माना जाता है। तो चलिए ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री से जानते हैं इस मोती को पहनने के लाभ।
आजकल लोग राशि और नाम के हिसाब से भी रत्न या मोति धारण करते हैं। सफेद मोती को धारण करने से पहले आपको एक बात का ख्याल रखना आवश्यक है। इस बात का ध्यान रखें कि यह मोती आपकी राशि के अनुसार हो। साथ ही सही गृह नक्षत्र में इसे आपने धारण किया हो। अगर सही गृह नक्षत्र में रत्न धारण न किया गया हो तो इसका फायदा नहीं मिलेगा।
सफेद मोती यानी पर्ल पहनने के फायदे:
लोग अपनी राशि के अनुसार अगर रत्न धारण करते हैं तो उन्हें कई अलग फायदे मिलते हैं। लेकिन इन्हें अच्छे से पूजा करने के बाद ही धारण करना चाहिए। इन्हें सही हाथ और ऊंगली में धारण करना चाहिए। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि सफेद मोती पहनने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं।
धन की कमी: धन की कमी से व्यक्ति का परेशान रहना लाजमी है। ऐसे में अगर आप इस समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो सफेद मोती पहनना बेहद शुभ होता तहै। इससे देवी लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहती है।
क्रोध आना: अगर आपको किसी भी बात पर गुस्सा आ जाता है और मन स्थिर नहीं रहता है तो आप यह सफेद मोती पहन सकते हैं। यह बेहद शुभ होता है। इस मोती को पहनने से मन शांत हो जाता है। साथ ही स्थिर रहता है।
बिमारी: कई बार ऐसा होता है कि घर का एक सदस्य बीमार होता है तो दूसरा बीमार पड़ जाता है। जब दूसरा ठीक होने लगता है तो तीसरा बीमार पड़ जाता है। हमेशा घर में किसी न किसी का बीमार रहना नकारात्मकता फैलाता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए भी सफेद मोती पहना जाता है।
मोती रत्न को धारण करने के लाभ:
मोती, समुद्र में सीपियों से प्राप्त होने वाला अद्भुत रत्न है। यह बेहद ही दुर्लभता से मिलता है। बनावट में कोई भी शुद्ध मोती बिल्कुल गोल व रंग में सफेद यानी दूध जैसा होता है। इसका स्वामी ग्रह चंद्रमा है। यह रत्न सबसे ज्यादा लाभकारी कर्क राशी के जातकों के लिए माना जाता है। किसी भी जातक की कुंडली में चन्द्र ग्रह से सम्बंधित कोई भी दोषों हो तो यह मोती धारण करने से काफी लाभ मिलता है। किसी भी जातक के दिमाग पर चंद्रमा का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में मन को शांत रखने के लिए मोती घारण करना लाभदायक होता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मोती, चन्द्र गृह का प्रतिनिधित्व करता है। अगर जातक की कुंडली में चंद्रमा का शुभ प्रभाव हो तो मोती धारण करना शुभ होता है। चन्द्र मनुष्य के मन को दर्शाता है। ऐसे में इसका पूरा प्रभाव व्यक्ति की सोच पर पड़ता है। इस मोती को धारण करने से आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है।
शिशुओं के जीवन से चंद्र का बहुत बड़ा सम्बन्ध होता है। नवजात शिशुओं का शुरुआती जीवन उनकी कुंडली में स्थित शुभ या अशुभ चंद्र पर निर्भर होता है। अगर किसी भी तरह से शिशुओं की कुंडली में चंद्रमा का अशुभ प्रभाव हो तो इससे उनके जीवन में बालारिष्ठ योग का निर्माण होता है। इससे बच्चों का स्वास्थ्य बार-बार खराब होता रहता है। साथ ही कई परेशानियां भी उत्पन्न होती हैं। इसी के लिए ज्योतिष और पंडित शिशुओं को गले में मोती धारण करवाते है। हालांकि, ध्यान रहे कि द्रव्य से जुड़े व्यावसायिक और नौकरी पेशा लोग मोती धारण करने से पहले अपनी कुंडली अवश्य दिखाएं।
मंत्र:
।। ॐ चं चन्द्राय नमः।।