शास्त्रों में कहा गया है कि नवरात्र साल में चार बार आते हैं। ऐसे में कुछ नियम व्रत के लिए बनाए गए हैं। तो चलिए जानते हैं कि व्रत क्यों रखते हैं और क्या करने से माता रानी नाराज हो जाती हैं।
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एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। एक नवरात्र चैत्र मास में, एक अश्विन मास में मनाया जाता है। शेष दो नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में मनाए जाते हैं, इन्हें गुप्त नवरात्र माना जाता है। दो ऋतुओं के बीच यानी जब एक ऋतु बदलती है और दूसरी ऋतु शुरु होती है तो उन दिनों में नवरात्र मनाया जाता है।
ऋतुओं के बदलने के बीच के समय में बीमारियां होने की संभवानाएं काफी बढ़ जाती हैं। इसलिए इन दिनों में खान-पान का विशेष ध्यान रखा जा सके इसके लिए व्रत की परंपरा शुरु हुई।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशांतराज के मुताबिक, नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखने वालों को इस व्रत के दौरान दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
साथ ही नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए। अखंड दीप जलाने वालों को नौ दिनों तक अपना घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए। घर में लहसून-प्याज, नॉनवेज से बचना चाहिए।
नवरात्र का व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल-जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए। काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। एक घर में तीन शक्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए। साथ ही कोई भी ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे किसी का दिल दुखे।